-जलकर के तौर पर तीन करोड़ 43 लाख का मिला बिल

सचिव ने मामले की जांच के लिए गठित की कमेटी

- जलकल को 25 लाख रुपये किया अदा

VARANASI

जलकल ने वाराणसी विकास प्राधिकरण के बकाया का ऐसा बिल थमाया कि अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक सबका गला सूखने लगा। जलकर के तौर पर वीडीए के पास तीन करोड़ ब्फ् का बिल आया है। जलकल की ओर से इसे लंबे समय तक बकाया दिखाया गया है। बुधवार को जब सचिव विशाल सिंह ने बिल को देखा तो दंग रह गए। पूछा, आखिर इतना लंबा बकाया कैसे हो गया, भुगतान क्यों नहीं किया गया तो वीडीए कर्मियों ने जानकारी दी कि बिल में गड़बड़ी है। इसे देखते हुए सचिव ने छह सदस्यीय जांच कमेटी गठित की और पूरे मामले की जांच कर तीन दिनों के अंदर रिपोर्ट देने के लिए निर्देशित किया।

दिये गये ख्भ् लाख

कई वर्षो से जलकर मूल्य के बकाए का बुधवार को वाराणसी विकास प्राधिकरण ने भुगतान किया। पहली किस्त के तौर पर वीडीए की ओर से ख्भ् लाख रुपये की किस्त अदायगी की गई। अभी तीन करोड़, ख्ख् लाख का भुगतान करना शेष है। इन बकाया का भुगतान छह सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट के बाद किया जाएगा। दरअसल, शहरी क्षेत्र में वाराणसी विकास प्राधिकरण की कई कॉलोनियां विकसित की गई है। जलकल विभाग से पानी की सप्लाई और कनेक्शन के लिए जलकर देने का प्रावधान है लेकिन कई सालों से वीडीए ने जलकर का भुगतान नहीं किया है जिससे यह रकम काफी बढ़ गई है। नगर निगम के अधिकारियों के मुताबिक तीन करोड़ ब्7 लाख का जलकर वीडीए पर बकाया है। इसके लिए विभाग को कई बार पत्र लिख कर जमा करने की खातिर ताकीद की गई लेकिन वीडीए प्रशासन ने बकाया जमा नहीं किया। नगर आयुक्त डॉ। नितिन बंसल ने नाराजगी जाहिर करते हुए विभागीय अधिकारियों को वसूली के लिए लगाया। बुधवार को अपर नगर आयुक्त मोती लाल सिंह, जलकल महाप्रबंधक बीके सिंह वीडीए पहुंचे और बकाया भुगतान की मांग की। सचिव विशाल सिंह ने ख्भ् लाख रुपये का चेक जारी किया। वहीं इतनी रकम अब तक जमा नहीं किए जाने और जलकर के भारी भरकम बिल आने पर भी सवाल खड़ा किया। सचिव के आदेश पर वीडीए प्रशासन ने जांच बैठा दी। इस जांच में नगर निगम, वीडीए और जलकल के दो-दो अधिकारी नामित किए गए हैं। छह सदस्यीय यह टीम तीन दिनों में नए सिरे से जलकर का निर्धारण करके बिल देगी। इसके बाद वीडीए भुगतान करेगा।