- विदेशियों संग हो रहीं आपराधिक घटनाओं पर नहीं लग रहा लगाम

-दो साल पहले लंका में जर्मन महिला पर मकान मालिक ने फेंका था तेजाब

-चर्चित डायना हत्याकांड अब भी शहरवासियों के जेहन में है ताजा

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रोहनिया में विदेशी महिला संग रेप की वारदात के बाद खूब हो-हल्ला मचा है। दिल्ली से लखनऊ तक विदेशियों की सुरक्षा को लेकर पुलिस से सवाल जवाब किए जा हैं लेकिन सच ये है कि बनारस में विदेशी मेहमान सुरक्षित नहीं हैं। उनके साथ दिल दहला देने वाली घटनाएं हो रही हैं। उनकी जान ले जाती है, तेजाब फेंककर उन्हें झुलसा दिया जाता है। जिस बनारस की आर्थिक समृद्धि में टूरिज्म बड़ी भूमिका निभाता है उस शहर से विदेशी मेहमान दूरी बना रहे हैं।

साथ ले गए जिंदगी भर का गम

13 नवंबर 2015 को लंका में जर्मनी की रहने वाली एक रिसर्च स्कॉलर डॉर्या यूरिवा के साथ दर्दनाक घटना हुई।

-नगवां में जिस मकान में वह रहती थी उसके मालिक के बेटे ने एक तरफा प्यार में विदेशी पर तेजाब फेंक दिया।

-दो दशक पहले बनारस घूमने आई विदेशी महिला डायना की निर्मम हत्या कर दी गयी थी।

-बहुचर्चित इस मामले में दिल्ली से लेकर लखनऊ तक हल्ला मचा था। इस घटना की याद अब भी शहरवासियों में ताजा है।

-वर्ष 2014 में एक जापानी युवक की नगवां में गला दबाकर हत्या कर दी गई।

-वर्ष 2013 में एक युवती से पहले दोस्ती की फिर भांग पिला कर इज्जत से खिलवाड़ किया गया।

-दशाश्वमेध क्षेत्र में और बीएचयू में विदेशी महिलाओं के साथ छेड़खानी जैसी कई वारदात भी हो चुकी हैं।

-विदेशियों पर हमले तो लगभग हर दूसरे-तीसरे दिन हो रहे हैं।

-बदमाश और लोकल गाइड इनके साथ लूटपाट करते हैं।

बस होती है खानापूर्ति

बनारस आने वाले टूरिस्ट की सुरक्षा के नाम पर सिर्फ खानपूर्ति होती है। विदेशियों की जानकारी जुटाने में पुलिस और एलआईयू एक्टिव नहीं है। अधिकतर सैलानी यहां टूरिस्ट वीजा पर आते हैं। बनारस की संस्कृति से प्रभावित होकर काफी दिन यहां बिताते हैं। अस्सी से लेकर लंका, दशाश्वमेध, ललिता घाट जैसे इलाकों में पीजी और किराये के कमरों में कई दिन रहते हैं। इनके यहां रहने की कोई जांच पड़ताल कोई नहीं करता है। बगैर लाइसेंस के सैकड़ों लॉज और गेस्ट हाउसेस में भी विदेशी रहते हैं। यहां वो सुरक्षित नहीं रहते हैं। यहीं नहीं घाटों पर नशा के बहाने विदेशियों को लूटा जाता है। सबकुछ जानते हुए भी पुलिस घाटों पर गश्त नहीं करती है।