उत्तरकाशी (एएनआई): Uttarakhand Tunnel Collapse News Final Update: उत्तरकाशी में सिल्कयारा सुरंग में ढहने वाली जगह पर बचाव अभियान तेज हो गया है, जहां 41 मजदूर फंसे हुए हैं, टनल के भीतर से रेस्‍क्‍यू पाइप डालने का काम लगभग 67 प्रतिशत पूरा हो चुका है। प्रधानमंत्री कार्यालय के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने बुधवार शाम को कहा कि अगले चरण का काम अगले दो घंटे में शुरू हो जाएगा। अभी तक हम 45 मीटर की दूरी तक 800 एमएम का पाइप डाल चुके हैं। खुल्बे जो कि उत्तराखंड पर्यटन विभाग में विशेष कार्यकारी अधिकारी भी हैं, ने कहा, मुझे आपको यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि हमने अमेरिकी ओगर मशीन के साथ एक्‍स्‍ट्रा 6 मीटर की लंबाई तक ड्रिल कर दी है। कुछ ही घंटों में हम अगले और शायद अंतिम चरण के लिए काम शुरू कर रहे हैं।

फंसे मजदूरों का मनोबल बढ़ाने को हो रहे खास प्रयास
सुरंग के अंदर फंसे 41 मजदूरों में से एक गब्बर सिंह नेगी और सबा अहमद मिलकर अन्य सभी लोगों का मनोबल बढ़ा रहे हैं। ये लोग सभी कार्यकर्ताओं को योग, कीर्तन, पैदल चलना जैसी अन्य गतिविधियां करा रहे हैं ताकि लोगों को मनोबल ऊंचा रहे। एनएचआईडीसीएल ने ऑगर बोरिंग मशीन का उपयोग करके श्रमिकों को बचाने के लिए सिल्क्यारा छोर से हॉरिजॉन्टल बोरिंग फिर से तेज कर दी है। सरकार द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि, सुरंग में फंसे लोगों तक फूड एंड मेडिसिन पहुंचने को काम अच्‍छे से जारी है। जिससे दवाएं और कपड़ों जैसी अन्य आवश्यक चीजों की आपूर्ति के अलावा रोटी, सब्जी, खिचड़ी, दलिया, संतरे और केले जैसी पर्याप्त खाद्य आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। जैसे टी-शर्ट, अंडरगारमेंट्स, टूथपेस्ट, साबुन आदि।

5 सरकारी एजेंसियां दिन रात काम करके रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन में जुटीं
एक आधिकारिक बयान में कहा गया, अभी तक 45 मीटर पाइप डाले जा चुके हैं। सरकार ने कहा कि पांच एजेंसियां - ओएनजीसी, एसजेवीएनएल, आरवीएनएल, एनएचआईडीसीएल और टीएचडीसीएल को खास जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं, जो अपने एक्‍सपर्ट कामकाज के साथ बेहतरीन तालमेल से काम हो तेजी से करने में जुटी हैं। टनल में पहाड़ के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए एसजेवीएनएल की मशीन साइट पर आ गई है और इसका इंस्‍टॉलेशन कर दिया गया है। सरकार ने कहा कि ओएनजीसी वर्टिकल बोरिंग के लिए अमेरिका, मुंबई और गाजियाबाद से मशीनरी जुटा रहा है। बता दें कि 12 नवंबर 2023 यानि दिवाली के दिन सिल्कयारा से बरकोट तक निर्माणाधीन सुरंग में सिल्कयारा की ओर 60 मीटर की दूरी पर मलबा गिरने से सुरंग ढह गई थी।

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