देहरादून (ब्यूरो) आंकड़ों पर नजर डालें तो अकेले पुष्पांजलि इंफ्राटेक प्रा।लि। ने ग्राहकों का करीब 50 करोड़ से अधिक हड़प लिया है। पुष्पांजलि के ऑर्चिड पार्क प्रोजेक्ट की ही 63 कंप्लेन हैं। अकेले पुष्पांजलि नहीं कई हाउसिंग प्रोजेक्ट्स की दर्जनों शिकायतें हैं। हद तो तब हो जाती है जब बिल्डर रेरा की ओर से लगाई गई पैनल्टी को भी जमा करने को तैयार नहीं है। ऐसे बिल्डरों पर रेरा लगाम कसने में जुटा है। रिकवरी के लिए आरसी जारी कर एक्शन लिया जा रहा है।

बिल्डरों के खिलाफ 1150 कंप्लेन
बिल्डरों की मनमानी को रोकने के लिए वर्ष 2017 में रेरा अस्तित्व में आया था। रेरा में बिल्डरों के खिलाफ संपत्ति का कब्जा न देने, एग्रीमेंट के हिसाब से आवासों का निर्माण न करने, एग्रीमेंट से ज्यादा पैसे मांगने, पैसे लेने के बाद रजिस्ट्री न करना और एग्रीमेंट के हिसाब से सुविधाएं न देने जैसे मामलों में केस दर्ज कराए जा रहे हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले 6 साल में इस तरह की 1150 कंप्लेन दर्ज की गई है, जिसमें से 856 कंप्लेन का निस्तारण कर दिया गया है। 294 कंप्लेन पर हियरिंग की कार्रवाई चल रही है।

44 करोड़ लौटाने के आदेश
पब्लिक के साथ धोखाधड़ी करने के मामले में दर्ज शिकायतों का निस्तारण करते हुए बिल्डरों पर पैनल्टी भी लगाई है। पिछले दो साल की ही बात करें तो 106 आरसी जारी की गईं, जिनसे ग्राहकों को करीब 44 करोड़ लौटाने के आदेश दिए गए। वर्ष पिछले साल की ही बात करें तो 7.20 करोड़ मूल रकम के अगेंस्ट 5.70 करोड़ ब्याज को मिलाकर कुल 12.73 करोड़ रुपए लौटाने के आदेश किए गए हैं।

आरसी के बाद भी नहीं माने
बिल्डरों से पैसा वापस कराने के लिए पीडि़त रेरा में लगातार गुहार लगा रहे हैं। रेरा की ओर से पिछले दो साल में बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 106 बिल्डरों के खिलाफ आरसी के आदेश दिए हैं। इस पर रेरा को 4.93 करोड़ बतौर पैनल्टी प्राप्त हुई है। 22 में 1.74 करोड़ और 23 में 97.46 लाख की पैनल्टी वसूली गई। हैरानी की बात यह है कि शिकायतें डिस्पोजल होने के बाद भी बिल्डरों द्वारा पैसा नहीं लौटाया जा रहा है, जिससे दोबारा से खरीदार रेरा में गुहार लगाने पहुंच रहे हैं।

पुष्पांजलि ने हड़पे 50 करोड़
दून में रियल एस्टेट कारोबारी लोगों को हाउसिंग प्रोजेक्ट के नाम पर सुनहरे सपने दिखाकर करोड़ों की ठगी कर रहे हैं। आए दिन रियल एस्टेट कारोबारियों के खिलाफ पुलिस और रेरा में बड़ी संख्या में शिकायतें दर्ज हो रही हैं। ईडी के शिकंजे में आए पुष्पांजलि इंफ्रॉटेक के ओनर राजपाल वालिया से पूछताछ में पता चला है कि उन्होंने दून में फ्लैट खरीदारों के करीब 50 करोड़ से अधिक की रकम हड़प ली है। उनके आवासीय प्रोजेक्ट का काम भी 2018 से बंद है। लोग पैसा देकर भी पिछले 5 साल से बिल्डर्स के पीछे दौड़ रहे हैं। यह केवल एक बिल्डर्स का मामला नहीं है। ऐसे ही दून समेत हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर में पांच दर्जन से अधिक बिल्डर्स हैं, जिनके खिलाफ पुलिस और रेरा में दर्जनों कंप्लेन दर्ज की गई हैैं।

दूसरे नंबर पर हरिद्वार
दून के साथ ही हरिद्वार, यूएसनगर में सबसे ज्यादा धोखाधड़ी के मामले हैं। जालसाजी और धोखाधड़ी करके बड़ी संख्या में लोगों को करोड़ों रुपये का चूना लगाया जा रहा है। आवासीय प्रोजेक्ट्स के सबसे ज्यादा मामले दर्ज हैं। हालांकि रेरा के द्वारा उठाए गए सख्त कदमों से लोगों को थोड़ा राहत मिली है, लेकिन धोखाधड़ी के मामले कम नहीं हो रहे हैं।

प्रमुख शिकायतें
-लंबे समय से प्रॉपर्टी का पजेशन न देना
-एग्रीमेंट के हिसाब से फ्लैट का निर्माण न करवाना
-एग्रीमेंट से ज्यादा पैसे मांगना
-पैसे लेने के बाद रजिस्ट्री न करना
-एग्रीमेंट के हिसाब से सुविधाएं न देना

यह है स्थिति
रेरा के चेयरमैन रबिंद्र सिंह पंवार ने बताया कि अब तक रेरा में 1150 कंप्लेन दर्ज की गई है। इसमें से 856 कंप्लेन निस्तारित कर ली गई है। 294 कंप्लेन पेंडिंग है। नीशू कंस्ट्रक्शन, सामिया की अधिकांश शिकायतें निस्तारित कर दी गई है। कल्पतरू ने सेटलमेंट कर पैसा भर दिया है। पुष्पांजलि रियलम्स, मिंट बिल्डकॉन, जीटीएम, एसए बिल्डटेक, सामिया इंटरनेशनल की सर्वाधिक शिकायतें हैं। निशू कंस्ट्रक्शन, अर्थकॉन और पेराट्स के विरुद्ध 224 कंप्लेन आई, जिसमें से 197 निस्तारित कर दी गई है।

बिल्डरों के खिलाफ लगातार शिकायतें आ रही है। शिकायतों का निस्तारण भी तेजी से किया जा रहा है। ग्राहकों के पैसे लौटाने के लिए बिल्डरों पर पैनल्टी के साथ ही रिकवरी को आरसी जारी की जा रही है। भविष्य में और सख्त कदम उठाए जाएंगे।
रबिंद्र सिंह पंवार, चेयरमैन, उत्तराखंड रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी

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