देहरादून,(ब्यूरो): भीषण गर्मी के बीच अब मानसून की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इसके लिए सीएम से लेकर डीएम तक और नगर निगम से लेकर दूसरे विभाग अपने-अपने लेवल पर तैयारियों को फाइनल टच दे रहे हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने तो मानसून की पूरी तैयारियों की अवधि 15 जून तक निर्धारित कर दी है। बरसात के दौरान राजधानी को भी जलभराव की समस्या से दो-चार होना पड़ता है। इस समस्या को लेकर दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनकी राय मांगी। जानने की कोशिश की कि आखिर बीते वर्षों के अनुभवों की बीच क्या शहर में मानसून की तैयारियां पूरी हैं या फिर पिछले सालों की तर्ज पर इस बार भी राजधानीवासियों को दिक्कतों को सामना करना पड़ेगा। जिस पर लोगों ने बेफिक्र होकर अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं।

ये पूछे गए थे सवाल
कुछ दिन बाद मानसून दस्तक दे देगा। विभाग अपने स्तर से निपटने के लिए तैयारियों पर जुटे हुए हैं। क्या आपको लगता है कि मानसून को देखते हुए नगर निगम तैयार है।
नहीं - 80 परसेंट
महज औपचारिकताएं - 20 परसेंट
नालियों तक की सफाई नहीं -0
कुछ नहीं कहना.- 0

अक्सर माना जाता है कि मानसून से एक माह पहले तक तैयारियां पूरी कर ली जाती है। जलभराव की समस्या न हो, निर्माण कार्य पूरे हो जाते हैं। जबकि, राजधानी दून में अब तक निर्माण कार्य जारी हैं। क्या कहेंगे।
हर बार जैसे दावे - 40 परसेंट
अब तक जारी निर्माण कार्य - 40 परसेंट
अबकी बार भी आएगी दिक्कत- 20 परसेंट
कुछ नही कहना - 0 परसेंट

हर बार मानसून के दौरान दून के कई इलाकों में लोगों को जलभराव की दिक्कत होती है। इसकी बड़ी वजह रहती है नालियां चौक होना, पानी निकासी की तैयारियां न करना, कारण रहते हैं। कौन है इसका जिम्मेदार।
नगर निगम - 80 परसेंट
आम लोग - 20 परसेंट
विकास कार्य -0 परसेंट
कुछ नहीं कहना -0 परसेंट

मानसून में जलभराव के लिए अक्सर देखने में आता है कि सड़कों, फुटपाथों, नालियों व नदी किनारे अतिक्रमण हैं। जिससे पानी की निकासी नहीं हो पाती है। इससे लोगों को भी परेशानियां उठानी पड़ती है। इस पर क्या करना चाहिए।
सख्त कार्रवाई - 40 परसेंट
अतिक्रमण हटने चाहिए - 60 परसेंट
लोग खुद इनीशिएटिव लें - 0 परसेंट
कुछ नहीं कहना - 0 परसेंट

ये हैं पब्लिक रिएक्शंस
हर साल बारिश का पानी हमारी दुकानों से लेकर घरों तक में घुस जाता है। जिससे हमें लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ता है। लेकिन, इसके बाद भी हर साल विभाग की ओर से अनदेखी की जा रही है। नगर निगम को चाहिए कि वे समय पर नालियों की सफाई कराई।
-बजरंग लाल गुप्ता, टर्नर रोड

बेशक, नगर निगम लाख दावे कर रहा हो। लेकिन, राजा राम मोहन राय अकादमी वाले नाले की चौड़ाई कम है। इसके कारण सबसे ज्यादा आईएसबीटी चौराहे पर नाली में ईंट, पत्थर, लकड़ी और कबाड़ के कूड़ा-करकट नालियों में फंस जाता है। इससे यहां कई सालों से जल भराव की समस्या सामने आ रही है।
-जसपाल सिंह रावत, आईएसबीटी

निरंजनपुर और आईएसबीटी चौराहे में जलभराव की समस्या लगातार बनी रहती है। लोगों को डर है की इस बार भी कोई हल नहीं निकला तो गत वर्षों की तर्ज पर उन्हें अबकी बार भी वैसा ही सामना करना पड़ सकता है। स्थितियां ये है कि अब तक बड़े स्तर पर कोई भी साफ-सफाई का काम निगम की ओर से नहीं दिखाई दे रहा है।
-महेन्द्र सिंह बिष्ट, आईएसबीटी

जलभराव की समस्या को लेकर कई बार नगर निगम से लेकर डीएम पोर्टल तक शिकायत की गयी है। यही नहीं यहां से अधिकारी से लेकर सेना की गाडिय़ां भी लगातार पार होती है। इसके बावजूद भी समस्या का हल नहीं हो पा रहा है। स्थानीय लोगों को शक है कि यही हाल रहे तो लोगों को मजबूर होकर आंदोलन करना पड़ेगा।
-अनिल तनेजा, स्थानीय निवासी

सेंट मैरी स्कूल के पास स्मार्ट सिटी के नालियों को ढंकने का काम किया जा रहा है। यहां नालियों की सफाई की जा रही है और साथ ही साथ उसके ऊपर मोटे-मोटे स्लैब डालकर सौंदर्यीकरण के नाम पर नालियों को बंद किया जा रहा है। जिससे आगामी मानसून सीजन में जल भराव की समस्या से जूझना पड़ सकता है।
-पियूष गौड़, वार्ड नम्बर 79

मानसून को देखते हुए कंट्रोल रुम तैयार किया जा रहा है। जिसके तहत सभी टोल फ्री व अन्य फोन नम्बर जारी कर दिए जाएंगे। कंट्रोल रूम में 24 घंटे टीम मौजूद रहेगी। ये भी कोशिश की जा रही है कि जहां से भी दिक्कत सामने आएगी। उसको सॉर्टआउट किया जाए। इसके लिए एक्शन मोड पर नगर निगम की टीम काम कर रही है।
डॉ। अविनाश खन्ना, वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी.

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