मानूसन सीजन में प्राकृतिक आपदाओं से 84 लोगों की जान गई, 47 घायल, 18 मिसिंग

देहरादून, 23 अगस्त (ब्यूरो)।
इस मानसून सीजन में प्राकृतिक आपदाओं का कहर जारी है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 15 जून से लेकर अब तक 84 लोगों की जान चली गई, 18 लोग मिसिंग हैं। अभी भी मौसम का अलर्ट जारी है। जबकि, लगातार हो रही बारिश के बीच आए दिन आपदाएं आ रही हैं। कई जिलों में सड़क मार्ग बाधित हैं। इसी को देखते हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी ट्यूजडे को दिल्ली से लौटने के बाद सचिवालय स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचे। जहां उन्होंने प्रदेश में हो रही अतिवृष्टि व नुकसान का अफसरों से अपडेट लिया।


कॉर्डिनेशन बनाए रखने के निर्देश
सीएम ने डीएम टिहरी व पौड़ी से फोन पर वार्ता कर जिलों में हुए नुकसान की जानकारी ली। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि अगले दो दिनों में राज्य के अधिकांश जनपदों में भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया गया है। सीएम ने सभी डीएम को निर्देश दिये हैं कि मौसम विभाग के पूर्वानुमान को देखते हुए जिला प्रशासन को अलर्ट मोड पर रखा जाए। सभी सहयोगी संस्थाओं से निरंतर कॉर्डिनेशन बनाया जाए। ये भी निर्देश दिए कि जनपदों में खाद्यान से संबंधित सभी वस्तुओं के साथ ही मेडिसीन की भी पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। वहीं, सीएम ने शासन के अधिकारियों सचिव आपदा प्रबंधन को निर्देश दिए कि डीएम से समन्वय बना रहे।
सीएम धामी बोले
-अतिवृष्टि से प्रदेश में काफी लोग हुए हैं प्रभावित।-कुछ लोगों ने अपने परिवार के परिजनों को खोया
-काफी लोग हुए बेघर, इनके लिए सरकार लाएगी योजना
-बेघर होने वाले लोगों के पुनर्वास की व्यवस्था होगी।-उनके रोजगार के लिए ट्रेनिंग के भी होंगे इंतजाम।
एक हजार करोड़ का नुकसान
सीएम ने कहा कि जिन बच्चों ने आपदा में अपने माता-पिता को खो दिया है। उनके लिए एजुकेशन की इस योजना में व्यवस्था की जाएगी। अतिवृष्टि से प्रदेश में आपदा की स्थिति है। सड़कों, पुलों, मकानों, फसलों, बिजली व पानी की लाइनों को भी काफी नुकसान पहुंचा है। सीएम ने कहा कि स्टेट में अतिवृष्टि से एक हजार करोड़ से भी ज्यादा की परिसंपत्ति को नुकसान पहुंचा है। केंद्र की टीम ने राज्य में हो रहे नुकसान का प्रारंभिक रूप में सर्वे भी किया है। आपदा से हो रहे नुकसान का आकलन करने के लिए राज्य सरकार से भी भारत सरकार को पत्र भेजा रहा है। इस दौरान एसीएस राधा रतूड़ी, सचिव शैलेश बगोली, सचिव आपदा प्रबंधन डॉ। आरके सिन्हा, एसीईओ राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण रिद्धिम अग्रवाल आदि मौजूद रहे।


::जिलेवार आपदा से मृतकों की संख्या::
बागेश्वर--3
चमोली--8
चंपावत--1
देहरादून--6
हरिद्वार--6
नैनीताल--3
पौड़ी---8
पिथौरागढ़--4
रुद्रप्रयाग--19
टिहरी--10
यूएसनगर--8
उत्तरकाशी--9
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कुल---84
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47 लोग घायल, 18 का पता नहीं
सरकारी आंकड़ों के अनुसार जहां प्राकृतिक आपदा से 84 लोगों की मौत दर्ज की गई है। वहीं, 47 लोग घायल भी हो गए हैं। इसके लिए 18 लोग अब तक लापता बताए गए हैं। ऐसे ही 7744 पशुधन को भी हानि पहुंची है। इनमें 99 बड़े, 475 छोटे और 7170 पॉल्ट्री एनिमल्स बताए गए हैं। इसी प्रकार से 1324 आंशिक व 205 पूरी तरह से भवन क्षतिग्रस्त हुए हैं।
रोड एक्सीडेंट से भी 60 की मौत
मानसून के दौरान राज्य में 60 लोगों की भी जान गई। आंकड़ों के अनुसार सड़क दुर्घटना से अल्मोड़ा में 4, चमोली में 5, देहरादून में 5, पौड़ी में 7, पिथौरागढ़ में 15, रुद्रप्रयाग में 2, टिहरी में 6, उत्तरकाशी में 11 व नैनीताल में 2 लोगों की मौत हुई। जबकि, रोड एक्सीडेंट से 185 लोग घायल हो गए और 3 का अता-पता नहीं।
आपदा व बारिश से यात्रा पर असर
लगातार हो रही बारिश व आपदाओं के कारण चारधाम यात्रा पर भी असर पड़ रहा है। वर्तमान में चारधाम यात्रा पर पहुंचने वाले यात्रियों की संख्या छह से साढ़े छह हजार तक पहुंच रही है। मंडे को एक दिन में रात 10 बजे तक यात्रा पर पहुंचने वाले यात्रियों की संख्या 6358 रही। इनमें बदरीनाथ 1997, हेमकुंड साहिब 365, केदारनाथ 2510, गंगोत्री 908 और यमुनोत्री 578 यात्री शामिल रहे।
अब तक चारधाम पहुंचने वाले यात्रियों की संख्या
बदरीनाथ---1170312
हेमकुंड साहिब---144087
केदारनाथ---1202692
गंगोत्री---670951
यमुनोत्री--549868
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कुल---3745418
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::नदियों का जल स्तर::
-उत्तरकाशी में 7 मार्ग अब तक तक बंद।-टिहरी में 29 मार्ग बाधित
-जिले में अभी भी 18 मोटर मार्ग बंद
-पौड़ी में 59 मोटर मार्ग बाधित।-दून जिले में 33 मोटर मार्ग अवरुद्ध।-अल्मोड़ा में 4 ग्रामीण मार्ग बाधित।-बागेश्वर में 4 मार्ग बारिश से बंद।-नैनीताल में 11 मोटर मार्ग अब तक बंद।-चमोली में 45 मोटर मार्ग बाधित।-पिथौरागढ़ में 15 बार्डर, एनएच व ग्रामीण मार्ग बंद।

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