रात में घंटाघर के करीब असमाजिक तत्वों का बोलबाला
- देवभूमि में मातृशक्ति कितनी महफूज, आधी रात लिया जायजा

देहरादून, 31 मार्च (ब्यूरो)।
देवभूमि, महिला सुरक्षा के लिहाज से कितनी महफूज है। शायद, हर कोई न जानता हो। लेकिन, आज हम इस सच्चाई से पर्दा उठा रहे हैं। जी हां, दून की फिजाएं हमेशा सिक्योरिटी के लिहाज से सुरक्षित मानी जाती रही हैं। लेकिन, क्या आज भी इस बात में दम है या फिर यह कहावत मात्र है। इसी को लेकर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम फ्राइडे रात को सिटी के बीचोंबीच मौजूद कई चौक-चौराहों पर पहुंची और वहां की वस्तु स्थिति को कैमरे में कैद किया। इस हकीकत को आप भी जानिए। एक रिपोर्ट

शुरुआत देर रात 11.40 बजे
दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम सबसे पहले देर रात साढ़े ग्यारह बजे अपने ऑफिस पटेलनगर से डेस्टीनेशन के लिए निकली। शुरुआत निरंजनपुर सब्जी मंडी चौक के आगे ग्रीन पार्क रेजिडेंस एरिया से हुई। यहां पर हमारी महिला रिपोर्टर रात 11.40 बजे सड़क किनारे खड़ी हुई। जानने की कोशिश की कि आखिर इस इलाके में आधी रात में कोई महिला किसी परिस्थितिवश सड़क पर खड़ी हो या फिर पैदल चलना पड़े तो वह कितनी सेफ है। कुछ मिनट यहां रुकने के बाद एक बाइक सवार छोडऩे की बात कह कर चल दिया। इस दौरान कई लोग वाहनों से ऐसे ही गुजरते व घूरते हुए आगे बढ़ते रहे। खास बात ये है कि करीब 100 से 150 मीटर की दूरी पर पुलिस का पिकेट मौजूद है। बावजूद इसके ऐसे लोगों में पुलिस का जरा भी खौफ नहीं दिखा।

कहीं छोडऩा है आपको?
इसके बाद हमारी टीम रात 11.55 मिनट पर जीएमएस रोड पहुंची। यहां भी इंजीनियर्स एन्क्लेव के पास महिला रिपोर्टर सड़क किनारे खड़ी हो गई। जबकि, उनके कुछ ही दूरी पर दूसरे रिपोर्टर और फोटो जर्नलिस्ट पूरे नजारे को अपने कैमरे में कैद करते रहे। यहां पर भी एक बाइक सवार पहुंचा। बोला-कहीं छोडऩा है आपको। उसके बाद झांकते हुए वह वहां से रफूचक्कर हो गया। इसके बाद हमारी टीम बिंदाल पुल, नियर गोविंदगढ़ मार्ग, पेट्रोल पंप पहुंची। यहां पर सड़क पर खड़ी महिला रिपोर्टर को देखते हुए एक शख्स आगे बढ़ा। उसके बाद वह अपने वाहन से पीछे आया। उसने महिला रिपोर्टर से पूछा। आप रात में यहां पर कैसे.? दरअसल, वह जानने वाला निकला और मदद की बात कहने लगा।

केस स्टडी-1--
समय--रात 11.40 बजे।
स्थान-मंडी चौक से आगे नियर ग्रीन पार्क।
सीन-हमारी महिला रिपोर्टर सड़क किनारे अकेले खड़ी। एक बाइक सवार रुका। कहां जाना है छोड़ दें। उसके बाद वह आगे निकल गया। ऐसे ही कुछ लोग वहां से गुजरते हुए घूर-घूर कर देखते हुए आगे बढ़ते गए।


केस स्टडी--2-
समय--रात 11.55 बजे।
स्थान--जीएमएस रोड, नियर इंजीनियर एन्क्लेव।
सीन-यहां भी महिला रिपोर्टर सड़क किनारे कई मिनट तक खड़ी रही। सामने बाइक सवार रुका। बोले-कहां छोडऩा है। यहां भी कई झांकते हुए आगे बढ़ते गए।

केस स्टडी--3-
समय-12.15 बजे, मध्य रात्रि।
स्थान--बिंदाल पुल, नियर गोविंदगढ़ रोड, पेट्रोल पंप।
सीन-यहां पर एक शख्स महिला रिपोर्टर को देखते हुए आगे बढ़ा। कुछ दूरी पर जाकर फिर वापस आया। बोले- आप यहां पर इसरात में.? चलिएपास में हमारा घर है। क्र(ये व्यक्ति जानने वाला निकला.क्र)


केस स्टडी--4-
समय--12.35 बजे, आधी रात।
स्थान-- दर्शन लाल चौक, विक्रम स्टैंड।
सीन-महिला रिपोर्टर सड़क किनारे खड़ी। एक ऑटो रिक्शा वाला सामने रुका। कहां जाना है, छोड़ दंू। कुछ दूरी पर उसने अपना रिक्शा रोक दिया। फिर एक के बाद एक-एक करके दो मोटरसाइकिल सवार 3 युवा सामने आकर रुके। बोलेचलना है.बैठ जाओ। कुछ देर आगे निकले। फिर वापस मुड़ते हुए राउंड मारने लगे।
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ये है हार्ट ऑफ सिटी का नजारा
आखिर में हमारी टीम हार्ट ऑफ द सिटी यानि घंटाघर के करीब दर्शन लाल चौक पर पहुंची। आधी रात करीब 12.35 बजे महिला रिपोर्टर यहां पर विक्रम स्टैंड में खड़ी हुई। फिर क्या, यहां पर एक ऑटो-रिक्शा चालक आया। वो भी बोलने लगा, छोड़ दूं कहा जाना है आपको। उसके बाद वह कुछ ही दूरी पर आगे गया और रुक गया। फिर एक-एक करके दो बाइकों में तीन लोग महिला रिपोर्टर के पास पहुंचे। कहां चलता हैछोड़ दें जैसी फब्तियां कसते हुए एक नहीं कई चक्कर मारने लगे। काफी कुछ कहने लगे, जिसको हम बता नहीं सकते। खास बात ये है कि यह वही स्थान है। जहां से महज 50 मीटर की दूरी पर घंटाघर में भारी मात्रा में पुलिस फोर्स की मौजूदगी है। लेकिन, ऐसे लोगों को इसका कोई असर नहीं।

आखिर पुलिस का खौफ क्यों नहीं
महिला सुरक्षा को लेकर हमारी टीम के इस रियलिटी चैक में सबसे बड़ी कमजोरी पुलिस की भी नजर आई। कम से कम दो स्थानों पर पास में ही पुलिस की तैनाती रहती है। लेकिन, ऐसे लगा कि ऐसे लोगों में न तो पुलिस का कोई खौफ है और न ही पुलिस ने रात में सड़क पर खड़ी महिला से कोई पूछताछ की। मसलन, आधी रात में महिला का सड़क पर खड़ा होना। पुलिस मदद के लिए आगे भी बढ़ सकती थी। लेकिन, ऐसा कुछ भी नजर नहीं आया।

चुनाव को लेकर हर तरफ सुरक्षा
लोकसभा चुनाव को लेकर हर चौक-चौराहों पर पुलिस फोर्स की तैनाती है। चेकिंग हो रही है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि शहर में महिलाएं कितनी सुरक्षित हैं। कम से कम घंटाघर के करीब 500 मीटर दायरे में टाइट सुरक्षा नजर आ सकती है।