देहरादून (ब्यूरो)। कुख्यात डकैत परवेज पुलिस के लिए एक पहेली बना हुआ था। 20 वर्ष पहले यानी वर्ष 202 में उसने अपने साथियों के साथ मिलकर हरिद्वार जिले के गंगनहर में एक व्यापारी के पूरे परिवार को बंधक बनाकर डकैती डाली थी। घटना के बाद वह ऐसा फरार हुआ कि तमाम प्रयासों के बाद भी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा। वह डकैती की इस घटना के बाद सीधे लखनऊ पहुंचा और वहां नाम बदलकर रह रहा था। एसटीएफ ने आखिरकार उसे लखनऊ से धर दबोचा।

वांछितों का तलाश अभियान
एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया गया कि डीजीपी के आदेश पर एसटीएफ टीम वांछित और इनामी अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए जगह-जगह छापेमारी कर रही है। एसटीएफ टीम को सूचना मिली कि वर्ष 2002 में गंगनहर क्षेत्र में डकैती की घटना को अंजाम देकर फरार 25 हजार का इनाम शातिर परवेज उर्फ परू उर्फ रियासत निवासी ग्राम फैजपुर मुरादाबाद, इस समय लखनऊ में आसिफ नाम से रह रहा है और छोटा हाथी चला रहा है। यह भी पता चला कि परवेज ने लखनऊ में ही शादी कर ली है और परिवार के साथ लखनऊ में ही रह रहा है। सूचना मिलते ही एसटीएफ की टीम लखनऊ रवाना हो गई और छापा मारकर परवेज को दबोच लिया। पुलिस ने वर्ष 2003 में ही परवेज के घर की कुर्की भी थी, लेकिन उसकी गिरफ्तारी नहीं हो पा रही थी।

हत्या, लूट, डकैती का आरोपी
परवेज हत्या, लूट और डकैती जैसे संगीन अपराधों में शामिल रहा है। 10 अगस्त 2002 पूर्वी अम्बर तालाब रुड़की में परवेज अपने साथियों के साथ एक घर में घुस गया था। परिवार के साथ मारपीट करके उन्हें बंधक बना डकैती की थी। परवेज के साथ डकैती में शामिल राशिद पहलवान उर्फ पठान, जमील उर्फ छोटा, नदीम उर्फ संजय के साथ ही आमिर उर्फ नैना और तनवीर उर्फ गुड्डू उर्फ हैदर उर्फ हकला को हरिद्वार पुलिस ने घटना के कुछ दिन बाद ही गिरफ्तार कर लिया था। एसटीएफ के अनुसार नदीम वर्ष 2006 में मुरादाबाद में एनकाउंटर मारा गया था। परवेज के खिलाफ थाना मुरादाबाद में हत्या, लूट, डकैती और मारपीट के कई मामले दर्ज हैं। वह मुरादाबाद का एक शातिर अपराधी है। उसका गिरोह कई संगीन अपराध कर चुका है।