- नृसिंह मंदिर में सूक्ष्म रूप में हुआ तिमुंडिया मेले का आयोजन

- परंपरा के अनुसार कपाट खुलने से 11 दिन पूर्व होता है मेला

JOSHIMATH: आदि शंकराचार्य के शीतकालीन गद्दीस्थल नृसिंह मंदिर जोशीमठ में तिमुंडिया मेला संपन्न होने के साथ ही बदरीनाथ धाम के कपाट खोलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। कोरोना संक्रमण के चलते इस बार भी तिमुंडिया मेले का आयोजन सूक्ष्म रूप में हुआ। इस दौरान भगवान तिमुंडिया को गुड़-चावल का भोग लगाया गया। इसके अलावा तिमुंडिया की अभिषेक पूजा भी हुई।

मां दुर्गा की पूजा-अर्चना

शनिवार दोपहर बदरीनाथ धाम के हक-हकूकधारियों(अधिकार रखने वाले ग्रामीण) ने मां दुर्गा की पूजा-अर्चना के बाद वीर तिमुंडिया से निर्विघ्न यात्रा की कामना की। विदित हो कि बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने से 11 दिन पहले जोशीमठ स्थित नृसिंह मंदिर में तिमुंडिया मेले का आयोजन होता है। बीते वर्षो में तिमुंडिया मेले का आयोजन हर्षोल्लास के साथ होता रहा है, लेकिन इस बार कोरोना की दूसरी लहर के चलते ऐसा संभव नहीं हो पाया। बीते वर्ष भी मेले को सूक्ष्म रूप से आयोजित करना पड़ा था। बदरीनाथ धाम के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने बताया कि सिर्फ परंपरा के निर्वाह के लिए मेले का आयोजन हुआ। मेले में कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए चुनिंदा श्रद्धालु ही शामिल हुए। बदरीनाथ धाम के कपाट 18 मई को ब्रह्ममुहूर्त में खोले जाने हैं।