देहरादून (ब्यूरो)
आसन वेटलैंड में अक्टूबर के पहले हफ्ते से प्रवासी परिंदों का आगमन शुरू हो जाता है। शनिवार को सुर्खाब प्रजाति के परिंदों ने आसन में डेरा डाला। हर बार सबसे पहले सुर्खाब ही उत्तराखंड के मेहमान बनते हैं। अपने सुनहरे पंखों के कारण सुर्खाब सबसे ज्यादा पर्यटकों को आकर्षित करता है। आसन वेटलैंड में अक्टूबर से मार्च तक विदेशी परिंदे प्रवास पर रहते हैं। चकराता वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी मयंक शेखर झा ने आसन वेटलैंड में प्रवासी परिंदो के प्रवास को देखते हुए रात दिन की गश्त भी शुरू करा दी है।

यहां-यहां पहुंचते हैैं प्रवासी परिंदे
आसन वेटलैंड
हरिद्वार के भीमगोड़ा बैराज
ऋषिकेश के वीरभद्र बैराज

ये प्रजाति आती हैं प्रवास पर
आसन वेटलैंड में लिटिल ग्रेब, रुडी शेलडक यानि सुर्खाब, ग्रेट क्रेस्टेड ग्रेब, ग्रेट कारमोरेंट, लिटिल कारमोरेंट, रेड क्रेस्टेड पोचार्ड, वूली नेक्टड, रेड कैप्ट आइबीज, प्लास फिश ईगल, ग्रे लेग गूज, गैडवाल, इरोशियन विजन, टफ्ड डक, पर्पल स्वेप हेन, इंडियन सैग, व्हाइट बिल्ड हेरोन, मीडियन इग्रेट, येलो बिटर्न, ब्लैक बिटर्न, पेंटेड स्ट्रोक, एशियन ओपन बिल, ब्लैक स्ट्रोक, कामन शेलडक, मलार्ड, नार्थन पिनटेल, कामन टील, स्पाट बिल डक, कामन पोचार्ड, टफ्ड पोचार्ड, यूरेशियन विजन, गैडवाल, नार्दन शावलर, कामन मोरहेन, कामन कूट, ब्लैक विंग्ड स्किल्ड, व्हाइट थ्रोटेड किंगफिशर, पाइज्ड किंगफिशर, रीवर लोपविंग, ब्लैक हेडेड गल, इरोशियन मार्क हेरियर, लिटिल ग्रेबी, डारटर, लिटिल कोरमोरेंट, लिटिल इ ग्रेट, ग्रे हेरोन, पर्पल हेरोन, कामन किंगफिशर आदि प्रजातियों के विदेशी परिंदे उत्तराखंड के मेहमान बनते हैं।