देहरादून, 7 अप्रैल (ब्यूरो)।
राजभवन कैंपस प्राकृतिक सौंदर्य और बायो डाइवर्सिटी से भरपूर है। इसके सौंदर्य में चार चांद लगाने के उद्देश्य से अब राजभवन में जल्द बटरफ्लाई गार्डन भी तैयार किया जाएगा। जिससे राजभवन आने वाले विजिटर्स कलरफुल तितलियों के रंग-बिरंगे संसार का करीब से दीदार कर सकेंगे।

तमाम तरह के गार्डन पहले से
राज्यपाल ने कहा कि राजभवन परिसर में नक्षत्र वाटिका, बोनसाई गार्डन और राजप्रज्ञेश्वर शिव मंदिर सहित कई प्रकार की स्पेशीज के पेड़-पौधे और अन्य प्रकार के फ्लावर गार्डन मौजूद हैं, जो राजभवन पहुंचने वाले विजिटर्स को सहज ही अपनी ओर आकर्षित करते हैं। कैंपस को और भी सौंदर्ययुक्त बनाने के लिए अब आने वाले समय में बटरफ्लाई गार्डन को भी शामिल किया जा रहा है। बताया गया है कि इससे न केवल स्थानीय लोगों को अट्रैक्ट करेगा। चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन समीर सिन्हा ने कहा कि इसके लिए जल्द ही वर्क प्लान तैयार कर काम शुरू कर दिया जाएगा। इस अवसर पर तितली ट्रस्ट के संजय सोंधी भी मौजूद रहे।

500 से ज्यादा स्पेशीज
बटरफ्लाई एक्सपर्ट व तितली ट्रस्ट के संजय सोंधी के मुताबिक उत्तराखंड में बटरफ्लाई की बायो डाइवर्सिटी बेहद मुफीद है। अकेले उत्तराखंड में बटरफ्लाई की करीब 500 से ज्यादा स्पेशीज उत्तराखंड में पाई जाती हैं। बाकायदा, संजय सोंधी ने वर्ष 2017 में एक बटरफ्लाई से रिलेटेड बुक्स भी पब्लिश की है। जिसमें उत्तराखंड में पाई जाने वाली तितलियों के संसार का जिक्र किया गया है।

दून में 250 से ज्यादा स्पेशीज
बटरफ्लाई एक्सपर्ट बताते हैं कि अकेले देहरादून में 250 से अधिक बटरफ्लाई की स्पेशीज पाई जाती हैं। जिनको उन्होंने खुद चिन्हित किया है। आईटी पार्क क्षेत्र में करीब 125 से ज्यादा स्पेशीज की बटरफ्लाई पाई जाती हैं।

देवलसारी थत्यूड़ में बटरफ्लाई उत्सव
अपने नेचुरल ब्यूटी के लिए हमेशा आगे रहने वाले उत्तराखंड तितलियों के पाए जाने वाले संसार के बीच देवलसारी थत्यूड़ ऐसा इलाका है। जहां बड़ी मात्रा में तितलियां पाई जाती हैं। यही वजह है कि यहां मई के महीने में तितली उत्सव मनाया जाता है। जिसको देखने के लिए देश-दुनिया के टूरिस्ट यहां पहुंचते हैं। ये उत्सव मई के महीने में स्थानीय तितली सोसाइटी की ओर से आयोजित किया जाता है।