- कुमाऊं के पांछू ग्वार में हुआ भारी भूस्खलन

मुनस्यारी : कुमाऊं के उच्च हिमालयी क्षेत्र के मल्ला जोहार में रविवार रात को बादल फटने से 450 मवेशी मलबे में दफन हो गए। बादल फटने की वजह पांछू ग्वार में भारी भूस्खलन हुआ। पांछू को जोड़ने वाला पुल भी बह गया। संचार सेवाएं ठप होने से प्रशासन तक सूचना सोमवार शाम को पहुंच पाई। इसके बाद आपदा प्रबंधन का एक दल पांछू को रवाना किया गया है। बता दें कि एक जुलाई को पिथौरागढ़ जिले में बादल फटने की घटनाओं में 15 लोगों की मौत हो गई थी। नौ लोग लापता थे, हफ्ते भर खोजबीन के बाद भी पता न चलने पर उन्हें मृत घोषित करने की प्रशासन प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है।

पहाड़ में बर्बादी की बारिश

पिथौरागढ़ के उच्च हिमालयी क्षेत्र में रविवार की रात को भारी बारिश हुई। इस क्षेत्र में संचार की सुविधा नहीं होने से प्रशासन को इसकी सूचना नहीं मिल सकी। पांछू ग्वार बुग्याल में बकरी चरा रहे चरवाहे सोमवार की सायं पांच बजे बड़ी मुश्किल से मापा गांव पहुंच सके। जहां से उन्होंने सोमवार शाम करीब 6 बजे सूचना मुनस्यारी कंट्रोल रूम को दी। बताया गया है कि पांछू ग्वार बुग्याल के पास भारी भूस्खलन हो गया। इसी मलबे में करीब 450 भेड़ बकरियां दब गइौं। ग्वालों ने बताया कि उनकी सौ के आसपास बकरियां और कुछ कुत्त्ते ही जिंदा बचे हैं। सोमवार को नदी का जल स्तर कुछ घटने के बाद बुग्याल से निकल कर सायं को मापा गांव पहुंच सके । पांछू ग्वार मुनस्यारी से 56 किमी की पैदल दूरी पर स्थित है। बचाव दल के बुधवार की सायं या गुरु वार को वहां पहुंच पाएगा।