-केवल नॉमिनेशन और नाम वापसी के बाद बनी सर्वसम्मति
-खाली छह पदों में चार बीजेपी और दो कांग्रेस की झोली में
-विकास समिति में बीजेपी को तीन और कांगे्रस के दो पद
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DEHRADUN : बीजेपी और कांग्रेस की पार्षदों की जुगलबंदी से ट्यूजडे को नगर निगम की कार्यकारिणी फिर पूरी हो गई। दोनों दलों ने नाटकीय अंदाज में 'हाथ' मिलाते हुए चुनाव टाल दिए और समझौते से सीटें बांट लीं। कार्यकारिणी में भाजपा ने छह सीटों में चार सीटें, जबकि विकास समिति में पांच सीटों में से तीन अपने पास रखी। यही वजह रही कि कार्यकारिणी चुनाव में कांग्रेस ने अपने दो प्रत्याशियों के नाम वापस कराए, तो विकास समिति में भाजपा ने अपने चार सदस्यों का नाम वापस कराएं। मेयर व मुख्य नगर अधिकारी नितिन भदौरिया ने चुनाव व्यवस्था को संभाला।
कार्यकारिणी ये चुने गए
बीजेपी पार्षद राकेश मजखोला, महिपाल धीमान, नीतू बाल्मीकि, अरुण खन्ना और रोशनबाला ने भरे पर्चे। कांग्रेस के देवेंद्र पाल सिंह, अशोक कोहली, रमेश बुटोला व संजीव मल्होत्रा ने नामांकन किया, लेकिन बाद में अरुण खन्ना, संजीव मल्होत्रा व देवेंद्र पाल सिंह ने नाम वापस लिया और शेष छह निर्विरोध निर्वाचित हो गए। इसके पूरी हुई क्ख् सदस्यों की कार्यकारिणी में सात बीजेपी और पांच कांग्रेस के हैं।
विकास समिति चुनाव
भाजपा से सतीश कश्यप, सुशील गुप्ता, सरोज पंवार, विपिन चंचल, नीरू भट्ट, अमिता देवी व दया जोशी ने नामांकन किया। वहीं कांग्रेस से सोनू उनियल व गंगा क्षेत्री ने नामांकन किया, लेकिन जोड़तोड़ के बाद सतीश कश्यप, सुशील गुप्ता, सरोज पंवार, विपिन चंचल ने अपना नाम वापस लिया। बाकी पांच सदस्य निर्विरोध निर्वाचित हो गए। अब दस सदस्यीय विकास समिति में छह भाजपाई व चार कांग्रेसी सदस्य हैं
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बीते सात वर्ष से निगम की परंपरा रही है कि कार्यकारिणी और विकास समिति सदस्य चुनाव से नहीं बल्कि सर्वसम्मति से चुने गए। इस बार भी ऐसा ही हुआ। यह दलगत राजनीति से उठकर शहर के विकास में सहयोग का फैसला है।
- विनोद चमोली, मेयर