- 5 शातिर क्रिमिनल को अरेस्ट कर 4 लाख से ज्यादा की रकम
- पुलिस अधिकारी, लॉ एन्फोर्समेंट एजेंसी का अधिकारी बन कर लोगों को ठगते थे
देहरादून,
दून में कॉल सेंटर बनाकर विदेशों में रहने वाले लोगों खासकर सीनियर सिटीजंस से फ्रॉड करने वाले इंटरनेशनल कॉल सेंटर का एसटीएफ ने भांडाफोड़ किया है। शातिर क्रिमिनल पुलिस अधिकारी, लॉ एन्फोर्समेंट एजेन्सी का अधिकारी बन कर लोगों को डरा-धमकाकर अपने अकाउंट में मनी ट्रांसफर करवाते थे। जिसके लिए वे सोशल सिक्योरिटी नंबर से इनपुट जुटाकर वॉयस ओवर इंटरनेट कॉल से संपर्क करते थे। एसटीएफ की टीम ने 5 शातिर क्रिमिनल को अरेस्ट कर 4 लाख से ज्यादा की रकम बरामद की है।
डॉलर में लेते थे रकम
एसटीफ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि टीम को इनपुट मिला कि देहरादून में एक ऐसा कॉल सेंटर संचालित हो रहा है जो विदेशों में रहने वाले विशेषकर सिनियर सिटिजन, दिव्यांग व सेना से रिटायर अधिकारियों, कर्मचारियों का फर्जी तरीके से सोशल सिक्योरिटी नंबर, जैसा कि भारत में आधार कार्ड नम्बर है। हैकर्स के द्वारा प्राप्त कर के उनका पूरी डिटेल प्राप्त कर उन्हें वॉयस ओवर इंटरनेट कॉल से संपर्क किया जाता था। शातिर क्रिमिनल पुलिस अधिकारी, लॉ एन्फोर्समेंट एजेन्सी का अधिकारी बन कर उन्हे अलग-अलग प्रकार से डराकर, लालच देकर अकाउंट में मनी ट्रांसफर करा लेते थे। इस तरह डॉलर में रकम प्राप्त करके भारत में करोड़ों रुपये प्रतिमाह कमाते हैं। अजय सिंह ने बताया कि कंप्लेनर विदेश में होते हैं और कंप्लेन अपने देश में कराते हैं जो कि भारत की लॉ एन्फोर्समेंट एजेसिंयों तक नहीं आ पाती है। जिससे इनके विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही नहीं हो पा रही थी और इस प्रकार कॉल सेंटर भारत में केवल रात को ही संचालित होते हैं।
देर रात दी दबिश
सूचना पर एसटीएफ और बसंत विहार थाने की ज्वाइंट टीम बनाकर कार्रवाई की गई। ज्वाइंट टीम द्वारा थर्सडे देर रात में बसंत विहार इलाके के क्वीन्स टावर पर फर्जी इंटरनेशल कॉल सेंटर पर दबिश दी गयी। इस बहुमंजिला इमारत में मौके पर कई कर्मचारी कार्यरत मिले। पूछताछ के दौरान उन्होंने बताया कि वे पहले दिल्ली में कार्य करते थे। बाद में वे देहरादून आ गए, लेकिन उनके सीनियर जो कि दिल्ली व नोएडा में रहते हैं द्वारा उन्हें डेटा प्रोवाइड कराए। डेटाबेस के आधार पर वे देहरादून से इस कॉल सेन्टर से यूएसए में रहने वाले सीनियर सिटीजन, दिव्यांग लोगों को फोन करके उनके साथ फ्रॉड कर उनकी रकम को अपने सीनियर्स के अकाउंट में ट्रांसफर करवाते हैं।
फिक्स सैलरी व कमीशन भी
पकड़े गये आरोपी आयुष्मान मल्होत्रा व अन्य से पूछताछ पर इस बात का खुलासा हुआ कि उनके मुख्य सहयोगी उनको जो डेटाबेस उपलब्ध कराते हैं, उन्हें एक टारगेट दिया जाता है। जिस पर कार्य करने पर उनको फिक्स सैलरी व कमीशन दिया जाता है और अपने मुख्य सहयोगियों से वो लोग व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से जुड़े हैं जिसके माध्यम से उनको डेटाबेस, स्क्रिप्ट, ऑडियो मिलते हैं। जिसमें यह बताया जाता है कि उनको किस प्रकार से लोगों से वार्तालाप करनी है। आरोपियों से पूछताछ में कई करोड़ रुपयों की रकम का ट्रांजेक्शन होने की बात सामने आई है। घटना के सम्बन्ध में थाना वसंत विहार पर विभिन्न धाराओं में केस रजिस्टर किया गया है।
सेंटर पर लगी थी 3 अलग-अलग घड़ी
कार्यवाही के दौरान पाया गया किए कॉल सेंटर की विभिन्न दीवारों पर लगी तीन दीवार घडि़यों पर अलग-अलग समय प्रदर्शित हो रहा था, जिससे यह साफ हुआ कि घडि़यों में जो समय प्रदर्शित हो रहा था वह अलग-अलग देशों का टाईम जोन देखने के लिए प्रयोग की जा रही थी। आरोपी शातिर वर्तमान में प्रगतिविहार अपार्टमेंट वसंत विहार में किराये के फ्लैट में रह रहे थे।
पकड़े गए आरोपी-
-दानिश अत्री , उम्र 25 वर्ष, निवासी विष्णु गार्डन नई दिल्ली
-संदीप गुप्ता उम्र 22 वर्ष निवासी मंगोलपुरी नई नई दिल्ली
-अर्चित विलफ्रिड उम्र 26 वर्ष निवासी शनि मन्दिर कैनाल रोड देहरादून
-नारायण अधिकारी उम्र 21 वर्ष निवासी सैक्टर 07 रोहिणी नई दिल्ली
-आयुष्मान मल्होत्रा उम्र 27 वर्ष निवासी शाहदरा, नई दिल्ली
बरामदगी-
-21 कंपयूटर सीपीयू के साथ
-8 मोबाइल फोन
-1 आई पैड
-1 वाई फाई
- 4.34 लाख रुपए कैश
- 1 फॉर्चूनर कार
- 3 घड़ी