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देहरादून

राज्य के शिक्षा मंत्री ने ऐलान किया है कि प्रदेश में चालू शैक्षिक सत्र में गंभीर बीमारियों से पीडि़त, दिव्यांग शिक्षकों और विधवा शिक्षिकाओं के तबादले किए जाएंगे। दरअसल, राज्य में चालू सत्र में कर्मचारियों के ट्रांसफर पर रोक लगाई गई है सिर्फ विशेष परिस्थितियों में ही तबादले सरकार करेगी। कार्मिक की ओर से तबादलों के लिहाज से शून्य सत्र घोषित किए जाने के बावजूद शिक्षा मंत्रालय जरूरतमंद शिक्षकों के तबादलों को अंजाम देगा। शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने कहा कि शिक्षकों के सामान्य रूप से तबादले नहीं किए जाएंगे, लेकिन गंभीर बीमारियों से खुद या पीडि़त बच्चों के माता-पिता, दिव्यांग और विधवा-विदुर शिक्षक-शिक्षिकाओं को तबादलों में इसी सत्र में राहत दी जाएगी। शिक्षा मंत्री शिक्षकों की तबादला नियमावली के नियम 29 (1) के तहत उक्त तबादलों का दायरा बढ़ाने पर पहले भी जोर दे चुके हैं।

शिक्षक संगठनों का कहना है कि कार्मिक नियमावली को शिक्षकों पर लागू नहीं किया जाना चाहिए। शिक्षकों के तबादलों को लेकर पृथक से व्यवस्था है। इन संगठनों की ओर से तबादलों को लेकर दबाव बढ़ना तय है। संगठन बीते मई माह में शिक्षकों के तबादलों में से कुछ को लाभ नहीं मिलने से खफा हैं। इस संबंध में वह दो दिन पहले विधानसभा में शिक्षा मंत्री के साथ हुई बैठक में भी रोष जाहिर कर चुके हैं। दरअसल राष्ट्रपति शासन के दौरान राज्यपाल ने गंभीर बीमारी से त्रस्त शिक्षकों, दिव्यांग और विधवा-विदुर श्रेणी में 202 तबादलों को मंजूरी दी थी। इसमें प्रारंभिक शिक्षा के 117 और माध्यमिक शिक्षा के 85 शिक्षक शामिल थे। इनमें प्राथमिक प्रधानाध्यापक और उच्च प्राथमिक सहायक अध्यापक संवर्ग के शिक्षकों के तबादलों पर अब तक अमल नहीं हो सका है। प्राथमिक प्रधानाध्यापकों और उच्च प्राथमिक सहायक अध्यापक की सूची में शामिल 19 अंतर्जनपदीय तबादलों पर रोक लगी हुई है। वहीं महकमे का कहना है कि प्राथमिक प्रधानाध्यापक के अंतर्जनपदीय तबादले किए जाने से प्राथमिक शिक्षकों की पदोन्नति के रास्ते बंद हो जाएंगे।