देहरादून (ब्यूरो) बता दें कि अब तक राजकीय अवकाश (जीएच) के दिन सरकारी हॉस्पिटल में आधे दिन ओपीडी चलती थी। लेकिन, महाशिवरात्रि के अवकाश पर सालों पुरानी यह परंपरा टूट गई है। प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ (पीएमएचएस) ने शिवरात्रि के अवकाश को देखते हुए शुक्रवार को ओपीडी ड्यूटी नहीं करने का ऐलान किया हुआ था। डॉक्टरों का कहना था कि ओपीडी को छोड़कर सरकारी हर्ॉिस्पटल में इमरजेंसी सेवाएं यथावत चलती रहेंगी। सरकारी अस्पतालों में सार्वजनिक अवकाश के दिन हाफ डे रखा जाता है। यह व्यवस्था कब और क्यों शुरू हुई इसका कुछ पता नहीं है। ना ही इससे संबंधित कोई शासनादेश ही मिला है। इसलिए सार्वजनिक अवकाश के दिन सभी डॉक्टर ओपीडी में नहीं बैठेंगे, बल्कि अवकाश पर रहेंगे, लिहाजा डाक्टरों ने ऐसा ही किया।

पीएमएचएस ने जताया विरोध
पीएमएचएस के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ। मनोज वर्मा, महासचिव डॉ। रमेश कुंवर, जिलाध्यक्ष डॉ। विमलेश जोशी और सचिव डॉ। संजीव ङ्क्षसह ने कहा कि सरकार की ओर से सभी सरकारी विभागों में राजकीय अवकाश रहता है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टरों को राजकीय अवकाश का लाभ नहीं मिलता है। लंबे समय से संघ की ओर से राजकीय अवकाश के दिन ओपीडी बंद रखने की मांग की जा रही है। लेकिन, अभी तक इस सरकार व विभाग ने कोई नहीं निर्णय लिया है। डॉक्टर्स ने जिस तरह की एकता दिखाई है, उससे यह दिन चिकित्सा सेवा में नए अध्याय के रूप में जुड़ गया है। डॉक्टर्स ने सार्वजनिक अवकाश के दिन ड्यूटी करने की सालों पुरानी परंपरा से छुटकारा पाया है।

लंबे समय से डॉक्टर्स बिना किसी शासनादेश के जीएच (राजकीय अवकाश) के दिन हाफ डे ओपीडी कर रहे थे। लेकिन, एक ओपीडी के दौरान डॉक्टर की मौत के दौरान मामला संज्ञान में आया कि राजकीय अवकाश के दिन ओपीडी के संचालन का कोई भी शासनादेश नहीं है। ऐसे में इस पर जब मंथन किया गया, इसके बाद ये निर्णय लिया गया।
डॉ। संजीव ङ्क्षसह, सचिव, पीएमएचएस

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