-एएमए पदाधिकारियों ने सांसद केसरी देवी पटेल को सौंपा ज्ञापन

-एएमए की हड़ताल का दिखा असर, आयुष क्लीनिक में उमड़ी भीड़

PRAYAGRAJ: आयुर्वेद डॉक्टर्स को सर्जरी की परमिशन दिए जाने के विरोध में आईएमए के डॉक्टर्स शुक्रवार को हड़ताल पर रहे। इस दौरान नर्सिग होम्स, क्लीनिक और जांच केंद्रों पर ताला लटका रहा। उन्होंने अपनी मांगों को लेकर दिनभर कई अभियान भी चलाए। सांसद को ज्ञापन सौंपा तो जवाब में आयुष डॉक्टर्स ने प्रेस कांफ्रेंस कर आईएमए के आरोपों का जवाब भी दिया। इस बीच एलोपैथी डॉक्टर्स की हड़ताल के चलते आयुष क्लीनिकों में मरीज की भीड़ नजर आई।

सांसद को सौंपा ज्ञापन

अपनी मांगों को लेकर शुक्रवार को इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ। एमके मदनानी और सचिव डॉ। राजेश मौर्या के नेतृत्व में सदस्यों ने सांसद केसरी देवी और राज्य सभा सांसद कुंवर रेवती रमण सिंह को ज्ञापन सौंपा। जिस पर एएमए की मांगों को लेकर सरकार से वार्ता करने का आश्वासन दिया गया। एएमए के प्रेसीडेंट इलेक्ट डॉ। सुजीत सिंह के नेतृत्व में एक डेलीगेशन हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेंद्रनाथ सिंह से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। जिला बार एसोसिएशन में एएमए पदाधिकारियों ने अध्यक्ष हरिसागर मिश्रा और सचिव राकेशजी के साथ बैठक की। एएमए का कहना है कि बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष राकेश पांडे, अनिल तिवारी, प्रयागराज ड्रगिस्ट एंड केमिस्ट एसोसिएशन फुटकर, इलाहाबाद विवि के छात्रों ने मिक्सोपैथी के विरोध में समर्थन किया है। इसके अलावा एएमए सीसी से पूर्व अध्यक्ष डॉ। अनिल शुक्ला के नेतृत्व में साइकिल जनजागरुकता अभियान को हरी झंडी दिखाई गई। जिसमें डॉ। सुबोध जैन, डॉ। युगांतर पांडेय, डॉ। ओपी सिंह, डॉ। आशुतोष गुप्ता, डॉ। सुभाष वर्मा, डा। अर्चना जैन, डॉ। पल्लवी सिंह आदि उपस्थित रहे। डेलीगेशन में डॉ। भगवत पांडे, डॉ। अरुप बनर्जी, डॉ। जीसी पटेल, डॉ। संतोष सिंह आदि शामिल रहे।

जवाब में आगे आया नीमा

एएमए के आंदोलन और जारी किए गए बयानों के विरोध में नीमा (नेशनल इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन) की ओर से शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। इसमें विश्वनाथगंज के एमएलए डॉ। आरके वर्मा, नीमा अध्यक्ष डॉ। एसके राय, डॉ। विनीता विश्वकर्मा, डॉ। भरत नायक, डॉ। आरएस कादरी और डॉ। शमी उल्ला मौजूद रहे। मौके पर एमएलए ने कहा कि बीएएमएस एमडी और एमएस आयुर्वेद का शिक्षण सिलैबस एलोपैथ के समान ही होता है। सिलैबस में आयुर्वेद के साथ आधुनिक एलोपैथ का शिक्षण भी शामिल है। उन्होंने आईएमए द्वारा आयुर्वेद चिकित्सकों के सर्जरी के लिए अयोग्य होने जैसे बयानों पर आपत्ति दर्ज कराई है। उन्होंने एएमए पदाधिकारियों को ऐसे बयानों से बचने और अपनी गरिमा बचाए रखने की नसीहत दी है। डॉ। एसके राय ने कहा कि सरकार के इस आदेश से मरीजों को सस्ती और सुलभ चिकित्सा उपलब्ध होगी। अगर विरोध करना है तो एएमए भारतीय चिकित्सा परिषद के पास जाए न कि आम जनमानस भ्रम पैदा करे।