डायलिसिस से लेकर हर जांच के लिए पहुंच रहे पेशेंट
- मंहगी डेंटल सर्जरी शुरू होने से पब्लिक को सुविधा

देहरादून, 12 अपै्रल (ब्यूरो)।
दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में हर दिन पेशेंट की संख्या में इजाफा हो रहा है। यहां ओपीडी में पेशेंट की संख्या बीते 3 माह में 6,30,135 के पार पहुंच गई है। ओपीडी में पहुंचने वाली सबसे ज्यादा महिलाएं शामिल रहीं। बीते 3 माह में ओपीडी में दिखाने के लिए 3,45501 पुरुष पेशेंट पहुंचे तो वहीं दूसरी ओर 4, 37,991 महिलाएं जांच के लिए पहुंची। इनमें मेडिसिन ओपीडी से लेकर आई ओपीडी और ऑर्थो ओपीडी भी शामिल हैं। आईपीडी में भर्ती होने वालों में भी महिलाओं की संख्या ज्यादा है। बीते तीन माह में 48,454 पेशेंट भर्ती हुए जिनमें 34897 महिलाएं भर्ती हुई।

3 माह में इस तरह बदली ओपीडी
ओपीडी - जनवरी - फरवरी - मार्च
कुल पेशेंट - 50651 - 49578 - 53128
मेल - 22078 - 21298 - 22537
फीमेल - 28573 - 28280 - 30591


गायनी में न्यू पेशेंट 5 गुना
ओपीडी - जनवरी - फरवरी - मार्च
कुल पेशेंट - 3386 - 3063 - 3412
ओल्ड ओपीडी- 833 - 682 - 799
न्यू ओपीडी - 2553 - 2381 - 2613

ओपीडी में भी बढ़ी 5 गुना संख्या
दून मेडिकल कॉलेज के महिला वार्ड में हर साल पेेशेंट बढऩे की शिकायत मिलती है। माना ये जाता है कि ये रेफरल पेशेंट अन्य अस्पतालों से रेफर कर भेजे जाते हंै। लेकिन, अब तो आलम ये है कि दून महिला हॉस्पिटल की आईपीडी ही नहीं ओपीडी में भी पांच गुना पेशेंट की संख्या बढ़ी हैं। इनमें भी बढ़े हुए पेशेंंट की संख्या में पांच गुना तक इजाफा हुआ हंै। मार्च माह में पुराने पेशेंट जहां 799 जांच के लिए पहुंचे वहीं इनमें न्यू पेशेंट की संख्या 2613 तक पहुंची। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि केवल मार्च माह में ही 5 गुना पेशेंट की संख्या में इजाफा हुआ है।

इमरजेंसी में 20 परसेंट इजाफा
दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल की ओपीडी, आईपीडी के साथ ही इमरजेंसी में 20 परसेंट का बढ़ोत्तरी हुई हैं। जनवरी माह में 8310 पेशेंट की ओपीडी हुई थी। वह बढ़कर मार्च माह में 10347 पर पहुंच गई हंै। इससे सीधा-सीधा 20 परसेंट का इजाफा हैं।

जांच के लिए पहुंचे पेशेंट्स
जांच - जनवरी- फरवरी- मार्च
सीटी स्कैन - 741 - 678 - 756
ईसीजी - 1922 - 2031 - 2085
ईको - 302 - 335- 361
मेमोग्राफी- 22 -38- 42
एमआरआई- 599- 588 - 613
अल्ट्रासाउंड- 2141 - 2280 - 2285
एक्स-रे - 11196 - 10451 - 11842
टीएमटी - 9 - 19 - 17

फैसिलिटी के साथ ईजी रीच
एक्सपट्र्स की मानें तो दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में लगातार सुविधाओं का इजाफा तो हो रहा है। साथ ही ये पेशेंट के लिए ईजी रीच भी है। उन्हें यहां पहुंचने के लिए ट्रांसपोर्टेशन भी आसानी से उपलब्ध हो जाता है। साथ ही अब यहां कई आधुनिक उपकरण भी मौजूद हैं, जिससे पेश्ेांट की आसानी से जांच हो सके। यही कारण है कि इन दिनों यहां पेशेंट की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा हैं।

15 परसेंट बढ़ी डेंटल सर्जरी
दातों की कोई भी परेशानी हो अब दून हॉस्पिटल में आसानी से इसका समाधान हो सकेगा। जनवरी माह में डेंटल की सर्जरी 267 हुई थी। जबकि, मार्च माह में 339 डेंटल सर्जरी हुई। डेंटल स्पेशलिस्ट डॉ। अमित शाह के अनुसार बीते कुछ समय से डेंटल की जटिल सर्जरी भी यहां आसानी से हो पा रही हैं। जिसके लिए पेशेंट को प्राइवेट हॉस्पिटल में मोटी रकम चुकानी पड़ती थी। अब वह सर्जरी यहां कम कीमत में और आयुष्मान में निशुल्क उपलब्ध हो रहा है।

किडनी की शिकायत ज्यादा
समय के साथ अब लोगोंं में किडनी सबंधित परेशानी बढ़ रही है। जिसके कारण डॉक्टर्स को उनका डायलिसिस करने को मजबूर होना पड़ रहा है। इसी का नतीजा है कि जनवरी तक 170 पेशेंट का डायलिसिस हुआ। जबकि इस माह 223 पेशेंट की डायलिसिस हुआ। बीते 3 माह में कुल 2451 पेशेंट का डायलिसिस किया गया।

फिजियोथैरेपी में इजाफा
अब तक कोरोनेशन हॉस्पिटल में अधिकतर पेशेंट पैर, कमर, गर्दन और पीठ दर्द जैसी समस्या होने पर फिजियोथैरेपी के लिए पहुंचते थे। लेकिन, इन दिनों दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में फिजियोथैरेपी की सुविधा शुरू होने के साथ यहां ये पेशेंंट्स भी पहुंच रहे हैं। 503 फिजियोथैरेपी के लिए पहुंचे, जबकि फरवरी में 780 पेशेंट फिजियोथैरेपी के लिए पहुंचे। ऐसे में यहां फीजियोथैरेपी में स्टाफ भी बढ़ाया गया है।

10 लाख की हुई पैथोलॉजी जांच
दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में जनवरी से लेकर मार्च माह तक 10 लाख लोगों की ब्लड समेत तमाम जांच की गई। जनवरी माह में 55774 , फरवरी में 55831 और मार्च में 59527 लोगों की ब्लड समेत अन्य जांच की गई।

वर्जन -:
सिटी के बीचों बीच होने के कारण यहां पब्लिक के लिए पहुंचना आसान होता है। इसके साथ ही पहाड़ों से लेकर अन्य सीमावर्ती राज्यों के भी रेफरल पेशेंट यहां पहुंचते हैं। हॉस्पिटल से किसी भी पेशेंट को अन्य हॉस्पिटल में भेजे जाने की परमिशन नहीं हैं। सुविधाओं के बढऩे के साथ यहां हर पेशेंट को उपचार दिया जाता है। यही कारण है कि यहां पेशेंट की संख्या बढ़ी है।
डॉ। आशुतोष सयाना, प्रिंसिपल, दून मेडिकल कॉलेज