देहरादून (ब्यूरो) : सैटरडे को ड्रग फ्री देवभूमि अभियान के तहत रायपुर पुलिस ने शांति विहार से एक पैडलर को दो किलो चरस के साथ गिरफ्तार किया। दरअसल, पुलिस को नशा करने वाले युवाओं की काउंसिङ्क्षलग के दौरान ही आरोपी के बारे में जानकारी मिली थी।

नशा करने वालों का डाटा हो रहा तैयार

रायपुर थाना क्षेत्र में नशा करने वाले व नशा तस्करों को चिह्नित कर डाटा तैयार किया जा रहा है। साथ ही पुलिस की ओर से नशा करने वालों की भी काउसङ्क्षलग की जा रही है। काउंसङ्क्षलग के दौरान रायपुर पुलिस को जानकारी मिली कि कुछ बड़े तस्कर उत्तरकाशी के बड़कोट क्षेत्र से चरस की भारी मात्रा दून में सप्लाई करते हैं। इसके लिए ड्रग पैडलर से वाट््सएप काल के जरिये संपर्क किया जाता है। जिससे पुलिस उनकी काल डिटेल ट्रेस न कर सके।

की जा रही भांग की खेती

रायपुर पुलिस ने क्षेत्र में चरस सप्लाई होने के ठिकानों का पता किया। इस दौरान बीते फ्राइडे की रात शांति विहार तिराहे से आरोपित मनोज ङ्क्षसह रावत निवासी हनुमान चट्टी, बड़कोट जिला उत्तरकाशी को दो किलो चरस के साथ गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह अपने क्षेत्र में भांग की खेती करता है। जिससे खुद ही चरस तैयार कर दून के कई इलाकों में सप्लाई किया जा रहा था।

हमेशा दून रहा सॉफ्ट टारगेट

एजुकेशन हब के रूप में पहचान रखने वाले दून हमेशा नशा के सौदागरों के सॉफ्ट टारगेट रहा है। कई बार पुलिस की जांच पड़ताल में दून पहुंचने वाले नशे की खेप सबसे ज्यादा यूपी के जिलों से पाई गई है। इसमें बरेली, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर जैसे जिले शामिल हैं।

दून के ये इलाके संवेदनशील

- बिंदाल
- प्रेमनगर
- रायपुर
- पटेलनगर
- सेलाकुई
-विकासनगर
- सहस्रधारा रोड
- आईटी पार्क
- करनपुर

स्कूल, कॉलेज व इंस्टीट्यूशंस टारगेट पर

दून को एजुकेशन का हब के रूप में जाना जाता है। इसलिए नशा कारोबारियों का स्कूल, कॉलेज व इंस्टीट्््यूशंस सबसे बड़ा टारगेट है। यहां दूसरे प्रदेशों के युवा भी पढऩे आते हैं। बड़ी मात्रा में पैडलर के जरिए नशा सप्लाई किया जाता है। दून में युवा नशे के इतने आदि हो गए हैं कई बच्चे पढ़ाई के साथ नेशा बेचने के धंधे में लग गए हैं। स्कूली बच्चे नशे के गिरफ्त में हैं। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जाता है कि यहां शहर में कुछ समय पहले दो-तीन नशामुक्ति केंद्र थे आज यहां चार दर्जन से भी अधिक नेशामुक्ति केंद्र संचालित हो रहे हैं।


तस्कर को 10 साल की कैद

प्रतिबंधित कैप्सूल और इंजेक्शन की तस्करी करने के दोषी को कोर्ट ने 10 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही कोर्ट ने दोषी पर एक लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। शासकीय अधिवक्ता मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि 27 नवंबर 2019 को दारोगा पंकज कुमार और अन्य पुलिस कर्मी क्षेत्र में चेङ्क्षकग कर रहे थे। इस दौरान परमजीत ङ्क्षसह निवासी खुड़बुड़ा मोहल्ला की तलाशी लेने पर आरोपी के पास से प्रतिबंधित इंजेक्शन व कैप्सूल बरामद हुए। गवाहों के बयानों के आधार पर स्पेशल जज एनडीपीएस एक्ट की अदालत ने आरोपी को दोषी पाते हुए कठोर कारावास की सजा सुनाई और अर्थदंड भी लगाया।

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