- करेंसी चेस्ट का भी होगा फायर आडिट, बैंक परिसरों में लगाए जाएंगे सीसीटीवी कैमरे

देहरादून, ब्यूरो: इसके साथ ही सभी बैंक अपने परिसरों में पूरी तरह सीसीटीवी कैमरे लगाएंगे और करेंसी चेस्ट (मुद्रा की तिजोरी) का भी नियमित फायर आडिट अनिवार्य रूप से कराएंगे।
दून में रिजर्व बैंक की ओर से बुधवार को बैंकों की 17वीं राज्य स्तरीय सुरक्षा समिति की बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि वित्तीय अपराधों की रोकथाम के लिए पुलिस अधिकारियों और वाणिज्यिक बैंकों का साझा प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाए। उन्हेांने सभी बैंक शाखाओं और एटीएम की सीसीटीवी कैमरों से निगरानी के साथ ही सुरक्षा उपकरण जैसे बर्गलरी अलार्म विद ऑटो डायलर, फायर अलार्म, बॉयोमीट्रिक एक्सेस और टाइम लॉक की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए।

पब्लिक अवेयरनेस को चले ड्राईव
आखिरी व्यक्ति को नकली नोटों के प्रति अवेयर करने के लिए बैंकों को अभियान चलाने को कहा गया है। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि पुलिस विभाग आरबीआइ और बैंकों के सुरक्षा कर्मचारियों को अग्निशमन, सुरक्षा संबंधी प्रशिक्षण एवं सहायता के लिए हर संभव सहयोग करेगा। उन्होंने बैंकों से दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में सेवाएं देने का अनुरोध भी किया। साथ में कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों से पलायन रोकने और चारधाम यात्रा मार्ग में तीर्थयात्रियों की वित्तीय सुविधाओं को पूरा करने में बैंक अहम भूमिका निभा सकते हैं। राज्य में वित्तीय साक्षरता बढ़ाने में उनका महत्वपूर्ण योगदान है।

टास्क फोर्स के गठन पर जोर
बैंक अधिकारियों ने करेंसी चेस्ट, आरबीआइ परिसरों और कोष के आवागमन के दौरान सुरक्षा के लिए समर्पित सुरक्षा बल बढ़ाने का मुद्दा रखा। उन्होंने कहा कि राज्य में कुशल मुद्रा प्रबंधन के लिए समर्पित सुरक्षा टास्क फोर्स का गठन अति आवश्यक है। वर्तमान में राज्य में 17 करेंसी चेस्ट की सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस और 22 करेंसी चेस्ट की जिम्मेदारी बैंकों से नियुक्त किए गए सुरक्षा गार्डों पर है।

ये रहे मीटिंग में मौजूद
अपर सचिव गृह रिद्धिमा अग्रवाल, आरबीआइ सुरक्षा सलाहकार प्रभात रंजन, डा। इशान शुक्ला, सीजीएम एसबीआइ दिल्ली सर्किल कल्पेश अवासिया, आरबीआइ क्षेत्रीय निदेशक ललिता विश्वनाथन सहित विभिन्न बैंकों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
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