देहरादून (ब्यूरो) फ्राइडे को मोहनी रोड स्थित जल निगम मुख्यालय में जल निगम-जल संस्थान संयुक्त मोर्चा से जुड़े कर्मचारी बड़ी संख्या में एकत्रित हुए। यहां कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। मोर्चा के प्रदेश संयोजक रमेश ङ्क्षबजोला और विजय खाली ने कहा कि विभागीय कार्यों में बाहरी एजेंसियों के हस्तक्षेप पर रोक लगाई जाए। कहा कि जिन एजेंसियों को कार्यों की टेक्नीकल जानकारी ही नहीं है उन्हें पेयजल और सीवर के कार्य सौंपे गए हैं, जो न्याय संगत नहीं है।

एमडी ने दिया आश्वासन
धरना स्थल पर पहुंचे पेयजल निगम के एमडी और अपर सचिव रणवीर सिंह चौहान ने कहा कि मांगों को लेकर वार्ता चल रही है। उन्होंने आंदोलित कार्मिकों को हड़ताल पर न जाने की सलाह दी है। कहा कि शासन स्तर पर मांग पर मंथन किया जा रहा है, जो भी होगा वह कर्मचारियों को हित को ध्यान में रखते हुए होगा। कहा कि जल्द ही सरकार किसी नतीजे पर पहुंचेगी। उन्होंने आंदोलन स्थगित करने की भी अपील की है। इस दौरान उनके साथ चीफ मुख्यालय संजय सिंह और सीजीएम कपिल सिंह आदि भी मौजूद रहे।

उग्र आंदोलन का किया ऐलान
कर्मचारियों के विरोध के बाद शासन ने जल संस्थान के महाप्रबंधक एवं जल निगम के प्रबंध निदेशक को प्रस्ताव तैयार करने को कहा है। 27 फरवरी को शासन स्तर पर दोनों विभागों की बैठक करने का फैसला लिया गया है। चेतावनी दी मांग पूरी न होने पर उग्र आंदोलन किया जाएगा। इस मौके पर कर्मचारी नेता श्याम ङ्क्षसह नेगी, शिशुपाल रावत, जितेंद्र ङ्क्षसह देव, डीके बंसल, राजीव सैनी, साहित बर्नवाल, अरविंद सजवाण, बीएस डोगरा, आशीष भट्ट, सतीश नौटियाल, योगेश कुमार, सचिन कुमार, मोहम्मद हसन, कंचन रावत, भारती रावत, रामकुमार, भजन सिंह चौहान, जगदीश पंवार, अनंत भदूला और ज्योति कोटनाला आदि मौजूद रहे।

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