- पॉलीथिन बैन के बावजूद भी धड़ल्ले से किया जा रहा यूज
- कैसे सुधरेगा पर्यावरण, जब सख्ती के बाद भी नहीं सुधार


देहरादून, 5 जून (ब्यूरो)।
पर्यावरण दिवस पर हर साल पर्यावरण बचाने का संकल्प लिया जाता है, बड़े-बड़े वादे किए जाते हैैं। प्लास्टिक पॉल्यूशन को कंट्रोल करने के लिए पॉलीथिन का बहिष्कार किया जाता है। लेकिन, पर्यावरण दिवस निकल जाने के बाद प्रदूषण ही बाकी रह जाता है। दून की ही बात करें तो पूरे देश की तरह यहां भी पॉलीथिन पर सख्त बैन है, लेकिन इसका यूज धड़ल्ले से हो रहा है। वाहनों का रेला धुंआ उगल रहा है, वाहन चालक पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (पीयूसी) सर्टिफिकेट तक नहीं बनवा रहे, आरटीओ की ओर से हजारों चालान किए जाने के बावजूद लोग पर्यावरण को लेकर गंभीर नहीं हैैं। नॉइज पॉल्यूशन भी एक बड़ी समस्या है, जिसका निदान नहीं दिखाई दे रहा। इस तरह पर्यावरण संरक्षण बस एक जुमला बनकर रह गया है। पर्यावरण बचाने के लिए लिये जाने वाले संकल्प सिर्फ रस्मअदायगी तक सिमट गए हैैं।


चालान कटे तो भी पॉलीथिन नहीं छोड़ी
नगर निगम की टीम की ओर से स्वच्छता सर्वे के दौरान सितंबर माह में सबसे ज्यादा पॉलीथिन के इस्तेमाल पाए जाने पर कार्रवाई हुई। जिसके तहत 2116 लोगों के चालान काटे गए। जिनसे करीब 5,60,850 रुपये पैनल्टी वसूली गई। जबकि, इसके बाद फरवरी माह में 666 लोगों के चालान हुए। जिनसे करीब 1,52,950 रुपये पैनल्टी वसूली गई। लेकिन, इसके बावजूद भी लगातार पॉलीथिन का इस्तेमाल किया जा रहा है। दरअसल पॉलीथिन बैन को लेकर नगर निगम भी संजीदा नजर नहीं आया।

यहां दिखा पॉलीथिन का इस्तेमाल
इन्दिरा मार्केट
पलटन बाजार
हनुमान चौक
धामावाला बाजार
डिस्पेंसरी रोड
सब्जी मंडी
तिलक रोड
करनपुर बाजार
निरंजनपुर सब्जी मंडी
धर्मपुर सब्जी मंडी

1 साल में 14 लाख से ज्यादा चालान
2022-23 - कुल चालान -जुर्माना
अप्रैल - 240 - 44550
मई - 183 - 53250
जून - 34 - 21500
जुलाई - 537 - 150150
अगस्त - 90 - 34920
सितम्बर - 2116 - 560850
अक्टूबर - 221 - 97050
नवम्बर - 311 - 123210
दिसम्बर - 243 - 77100
जनवरी - 118 - 23100
फरवरी - 666 - 152950
मार्च - 282 - 105500
कुल - 5041 - 14,44,130

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समय पर पॉलीथिन के इस्तेमाल को बंद करने को लेकर अवेयरनेस कैंप लगाए जाते हैं। इसके साथ ही समय-समय पर चालानी कार्रवाई भी की जाती है। लेकिन, इसके बावजूद थी व्यापारी इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।
-: डॉ। अविनाश खन्ना, वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी


प्रदूषण बढ़ाने में वाहनों का बड़ा योगदान
दून मेें एक ओर पर्यावरण को बचाने के लिए कई संस्थाएं व विभाग बड़े-बड़े दावे कर रहे हों। लेकिन, विभागीय लापरवाही के कारण कई बार पर्यावरण संरक्षण को लेकर किए जा रहे होमवर्क ही पूरे नहीं हो पा रहे हैं। जिसके कारण सिटी में दौड़ रहे अधिकतर वाहन वायु प्रदूषण के साथ ध्वनि प्रदूषण को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। आरटीओ की एनफोर्समेंट टीम ने प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की जांच की तो बीते वर्ष 1771 वाहनों के चालान किए गए। वहीं इस वर्ष अप्रैल व मई माह में 253 वाहनों के चालान हुए।

ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के चालान
दून में आरटीओ की टीम जब ध्वनि प्रदूषण फैलाने वालों की जांच की तो ऐसे बीते वर्ष 90 वाहनों के चालान किए। जबकि इस वित्तीय वर्ष में बीते दो माह में 21 वाहनों के चालान किए गए हैं।

पर्यावरण दिवस पर याद आए पंफलेट्स
आरटीओ को पर्यावरण दिवस के मौके पर वायु प्रदूषण को बचाने की याद आई। विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर आरटीओ ने जागरूकता अभियान चलाकर पम्फलेट्स बांटे।

आंकड़े कहते हैैं
दून में कुल रजिस्टर्ड वाहन - 11,32690
कुल टू व्हीलर - 4,38,305
फोर व्हीलर - 2,65069
कॉमर्शियल वाहन - 56329
इलेक्ट्रिक वाहन - 12366
सीएनजी वाहन - 7689
अन्य वाहन - 352932

वाहन की पॉल्यूशन जांच कराना जरूरी
आरटीओ के अनुसार अधिक से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग पर जोर दिया जा रहा है। इसके साथ ही वाहनों को सही दशा में रखे जाने, वाहनों की समय-समय पर प्रदूषण जांच कराये जाने, वाहनों का अति आवश्यक होने पर ही प्रयोग करने, साइकिल के प्रयोग को बढ़ावा दिये जाने व सार्वजनिक परिवहन का अधिक उपयोग करें।

समय-समय पर वाहनों के पीयूसी चेक किए जाते हैं। इसके साथ ही वाहनों की समय पर जांच हो इसके लिए भी निर्देशित किया जाता है। आरटीओ टीम लगातार वाहनों की चेकिंग करती है।
शैलेश तिवारी, आरटीओ एनफोर्समेंट
dehradun@inext.co.in