-विभाग से अपील, क्षेत्र को बंदरों के समस्या से दिलाया जाए निजात
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देहरादून,
बंदरों की समस्या से दूनवासी खासे परेशान हैं। लाख कोशिशों के बावजूद इन इलाकों से बंदरों की समस्या दूर नहीं हो पा रही है। स्थिति ये है कि बाजार से घर आने पर ये उत्पाती बंदर लोगों के हाथों से सामान छीन लेते हैं। क्षेत्रवासी बंदरों से निजात दिलाने के लिए वन विभाग से आग्रह कर रहे हैं।
बच्चों की सेफ्टी की चिंता
क्लेमेंट टाउन के करीब आधे दर्जन से अधिक इलाकों में पिछले लंबे समय से उत्पाती बंदरों ने आतंक मचाया हुआ है। घरों छतों से लेकर आंगन व बगीचों तक को बंदरों ने सेफ नहीं रखा है। स्थानीय लोगों की मानें तो इलाके में महिलाएं व बच्चे इनसे सबसे ज्यादा परेशान हैं। कई बार हाथ से थैली छीनने पर बंदरों ने महिलाओं व बच्चों तक को घायल कर दिया है। दूर भगाने पर बंदर काटने दौड़ते हैं। स्थानीय पार्षद रमेश कुमार मंगू कहते हैं कि पूर्व वन मंत्री दिनेश अग्रवाल के शासनकाल में बंदरों से निजात दिलाने के लिए इलाके में पिंजड़े लगाए गए थे। जिसके बाद इलाके से बंदर कई महीनों के लिए गुम हो जाते हैं। लेकिन, वर्तमान में विभाग की ओर से कोई प्रयास नहीं किए गए हैं।
इन इलाकों में बंदरों की समस्या
-मोहब्बेवाला।
-भारूवाला ग्रांट
-क्लेमेंट टाउन कैंट।
-सुभाषनगर।
-टर्नर रोड।
-चंद्रबनी खालसा।
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कंप्लेन कर दी, कोई एक्शन नहीं
कई महीनों से भारूवाला इलाके में बंदरों से लोग परेशान हैं। वन विभाग को शिकायत कर दी गई है, लेकिन इसके बाद भी कुछ नहीं हो रहा है।
-कुसुम वर्मा, भारूवाला ग्रांट।
वन विभाग को बंदरों को पकड़ने के लिए इंतजाम करने चाहिए। ऐसा लगता है इस बड़ी समस्या पर कोई सुनने का तैयार नहीं है।
-अमिता शर्मा, क्लेमेंट टाउन, दुकानदार।
बंदरों का आतंक इस कदर है कि हाथ से ही कोई भी थैली छीनकर बंदर ले जा रहे हैं। भगाने पर बंदर काटने के लिए दौड़ रहे हैं।
-पूजा, बगत निवासी, गृहणी।
इलाके में बंदरों का आतंक कोई नहीं बात नहीं है। लंबे अरसे से इलाकेवासी परेशान हैं। विभाग की तरफ से कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
-अरूणा चौहान, पंत रोड, गृहणी।
बंदरों को भगाने के लिए मथुरा से एक्सपर्ट्स बुलाए गए थे। लेकिन अब वे एक्सपर्ट्स कहां गए, पता नहीं, लोगों का बंदरों के आतंक से जीना मुश्किल हो गया है।
-सुधा चौधरी, गुरूनानक रोड़, गृहणी।
जब तक वन विभाग की ओर से ठोस कदम न उठाए गए, इलाके में बंदरों से परेशान बनी रहेगी। ऐसे में बंदरों के लिए रणनीति बनानी चाहिए।
-सुलेखा मैंदोला, सुभाषनगर, गृहणी।