- शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने फीस के पैरेंट्स पर दबाव डालने पर कड़ी कार्रवाई के दिए निर्देश

DEHRADUN: शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि कोई भी स्कूल ट्यूशन फीस के अतिरिक्त अन्य किसी तरह का शुल्क वसूल नहीं करेगा। साथ में कोरोना महामारी में लॉकडाउन अवधि में अभिभावकों पर फीस देने के लिए दबाव नहीं बनाया जाएगा। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शुक्रवार को मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह और शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम को ऐसे मामलों में सख्ती से कार्रवाई के निर्देश दिए। उधर, शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने आदेश जारी कर फीस वसूली और एनसीईआरटी के इतर किताबों की बिक्री होने पर चार जिलों के मुख्य शिक्षाधिकारियों से तीन दिन में जवाब तलब किया है।

स्कूलों की मनमानी पर सरकार सख्त

निजी स्कूलों को शर्तो के साथ फीस वसूली की इजाजत देने के बाद अभिभावकों को परेशान किए जाने के मामले में सरकार सख्त हो गई है। ऐसी शिकायतों का शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने संज्ञान लिया। उन्होंने बताया कि रुद्रपुर से ही उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का मुख्य सचिव और शिक्षा सचिव को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के मौके पर सरकार आम आदमी को राहत दे रही है। ऐसे में निजी स्कूलों को अभिभावकों का उत्पीड़न नहीं करने दिया जाएगा। कुछ निजी स्कूल अवैध तरीके से फीस लेने के लिए दबाव बना रहे हैं। ऐसे स्कूलों पर सख्ती से कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि ट्यूशन फीस के अलावा अन्य किसी भी तरह की फीस लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी। स्कूलों के खुलने पर भी एक साथ फीस के लिए दबाव नहीं डाला जाएगा। सरकार के निर्देश नहीं मानने वाले स्कूलों की मान्यता रद की जाएगी। उत्तराखंड बोर्ड और सीबीएसई बोर्ड के स्कूलों में एनसीईआरटी के अतिरिक्त अन्य किताबें मान्य नहीं होंगी। इसके उल्लंघन की शिकायतें मिल रही हैं। उधर, शिक्षा सचिव और महानिदेशक आर मीनाक्षी सुंदरम ने अभिभावकों की शिकायतों के मद्देनजर चार जिलों देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल में मुख्य शिक्षा अधिकारियों का जवाब तलब कर लिया है। मनमाने तरीके से अभिभावकों से फीस लेने और एनसीईआरटी के अतिरिक्त किताबें स्कूलों में संचालित होने पर चारों मुख्य शिक्षाधिकारियों से तीन दिन में स्पष्टीकरण तलब किया गया है। आदेश में निजी स्कूलों में ऑनलाइन शिक्षा का ब्योरा देने के निर्देश भी दिए गए हैं। ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कराने के बावजूद फीस वसूल करने वाले स्कूलों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।