देहरादून ब्यूरो। आपका सकलानी नामक यूजर से रिजॉर्ट की छत पर कुछ लोगों द्वारा टीन के चद्दर उखाडऩे का उपक्रम वाला एक फोटो पोस्ट करके लिखा, रिजॉर्ट तोड़ा जा रहा है या खेला हो रहा है? ऐसे कौन तोड़ता है भाई। बुलडोजर भी नहीं दिख रहा है। वैसे तोडऩा नहीं चाहिए था। यहां एम्पलॉयमेंट एक्सचेंज बनाना चाहिए था। भास्कर द्विवेदी ने लिखा, जरूरत की सारी चीजें निकालकर बिल्डिंग को तोड़ा। बुलडोजर नहीं चला। अरुण नेगी ने लिखा, बेहतर तो यह होता कि वहां होटल का नक्शा पास करवाने वालों और जो भी हाकम सिंह की मदद किया करते थे, उन पर मुकदमा दर्ज कर सभी को जेल भेज दिया जाता। देवेन्द्र सिंह ने कहा, केवल दिखावा हो रहा है, ये सब एक ही गैंग के सदस्य हैं।

ये बुलडोजर हिंसा है
प्रेम बहुखंडी ने लिखा, बुलडोजर पागलपन उत्तराखंड में भी आ गया है। इसमें लकड़ी पत्थर सब चोरी के हैं। बेहतर होता, उसका अधिग्रहण कर जीएमवीएन को दिया जाता या नीलामी कर दी जाती। जब से ये रिजॉर्ट बना है, तब से अब तक जितने भी अधिकारी कर्मचारी उस क्षेत्र में तैनात थे, जिनकी जिम्मेदारी अवैध निर्माण को रोकना था, उन सभी पर कार्रवाई होनी चाहिए। सुरेश भाई ने लिखा, मैं इस बुलडोजर हिंसा मानता हूं। पैसा चाहे हमारी जेब का हो या सरकार के पास सभी राष्ट्रीय संपत्ति है। इसका जीएमवीएन के होटल या वन विभाग के गेस्ट हाउस के रूप में इस्तेमाल होना चाहिए था।

धाकड़ धामी का कारनामा
बीजेपी के अपने ऑफिशियल फेसबुक पेज पर रिजॉर्ट पर बुलडोजर का एक कार्टून साझा किया। इसमें बुलडोजर रिजॉर्ट को ढहाता नजर आ रहा है। बुलडोजर को सीएम पुष्कर सिंह धामी चला रहे हैं। कार्टून पर लिखा है, गुनहगार कोई भी हो बख्शा नहीं जाएगा, ये है धाकड़ धामी। इस कार्टून पर यूजर्स ने जमकर चुटकियां ली। कमल सिंह बिष्ट ने लिखा, नाखून काटकर धामी जी खुद को शहीद साबित कर रहे हैं। बिज्जू रावत ने लिखा, अगर सच में इतना धाकड़ धामी है तो अंकिता के हत्यारों को फांसी दिलाओ। गढ़ नरेश भारद्वाज ने लिखा, हाकम तो मजबूरी था हम तो तब माने जब बुलडोजर विधायक, महाराज जैसे रिजॉर्ट पर भी गरजे। रोहित लखेड़ा ने लिखा, उत्तराखंड में बुलडोजर केवल सबूत मिटाने के लिए चलता है। इसका जनहित से कोई मतलब नहीं। पंकज नेगी ने लिखा, सराहनीय कदम, दिनेश मेहरा ने लिखा, माननीय पुष्कर धामी जिंदाबाद। कपिल सिंह बीजेपी ने लिखा, ईमानदार सरकार, काम दमदार।