- रिवाइवल प्लान तैयार कर अगली कैबिनेट के समक्ष रखने के आदेश, अब सुनवाई 19 जुलाई को

- कहा-काम के बदले वेतन का अधिकार नहीं छीन सकती सरकार

NAINITAL: हाई कोर्ट ने रोडवेज कर्मचारियों के वेतन के लिए 23 करोड़ रुपए मंगलवार शाम या बुधवार सुबह तक जारी करने के आदेश दिए हैं। साथ ही परिवहन निगम के एमडी को उत्तर प्रदेश में उत्तराखंड की संपत्तियों का पूरा विवरण समेत रिवाइवल प्लान तैयार कर सचिव को देने को कहा है। ताकि सचिव प्लान सरकार के समक्ष रखें और उस पर आगामी कैबिनेट उस पर निर्णय ले सके। मुख्य सचिव कैबिनेट के निर्णय की जानकारी कोर्ट को दें। साथ ही सुप्रीम कोर्ट में उप्र के साथ परिसंपत्तियों के बंटवारे में 27 करोड़ उत्तराखंड को देने पर लगे स्थगनादेश को हटाने के लिए सरकार से पैरवी करने को भी कहा है। इसकी जानकारी भी अगली सुनवाई में देनी होगी। कोर्ट ने पिछली सुनवाई में कैबिनेट बैठक बुलाने का अनुरोध अस्वीकार होने पर आश्चर्य जताते हुए टिप्पणी की कि इसका मतलब सरकार का रोडवेज की समस्या पर ध्यान नहीं है। कोर्ट ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण हुए नुकसान के लिए कर्मचारी जिम्मेदार नहीं हैं। काम के बदले वेतन उनका मूलभूत अधिकार है। सरकार यह अधिकार नहीं छीन सकती।

जनहित याचिका पर सुनवाई

मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन व रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें मुख्य सचिव ओमप्रकाश, वित्त सचिव अमित नेगी, परिवहन सचिव रंजीत सिन्हा, रोडवेज एमडी अभिषेक रुहेला वचुर्अली पेश हुए। वित्त सचिव ने कोर्ट को बताया कि अप्रैल 2020 से अब तक रोडवेज को 190 करोड़ से अधिक दिए जा चुके हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि यह वेतन मद के नहीं, हिललॉस के हैं। यह रोडवेज कर्मचारियों का अधिकार था, आपने कोई दान नहीं दिया है। दिसंबर तक वेतन के लिए 102 करोड़ और चाहिए। कोर्ट ने पूछा कि हिललॉस के ही 23 करोड़ कब देंगे। वित्त सचिव ने कहा कि रकम सामान्य प्रक्रिया के तहत अभी ट्रेजरी में हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि असामान्य परिस्थिति में सामान्य प्रक्रिया क्यों अपनाई जा रही है। मुख्य सचिव से मंगलवार शाम तक या बुधवार तक 23 करोड़ जारी करने पर सवाल पूछा तो मुख्य सचिव ने कहा आज शाम तक या कल सुबह तक रकम जारी कर दी जाएगी। मुख्य सचिव ने बताया कि रोडवेज का रिवाइवल का प्रस्ताव तैयार है। आने वाले समय में बसें चलेंगी तो वित्तीय हालात ठीक हो जाएंगे।