देहरादून, (ब्यूरो): स्टार्टअप की दुनिया में आज दून के युवाओं का देश-विदेशों में डंका बज रहा है। यहां से निकले इनवेंशन और इनोवेशन न केवल दून बल्कि राज्य के युवाओं को कुछ नया करने के लिए प्रेरित किया। यही वजह है कि आज प्रदेशभर में सेंट्रल पोर्टल पर 1100 के लगभग स्टार्टअप गांव-शहरों में काम कर रहे हैं। हर जिले में युवा स्टार्टअप के जरिए नवाचार के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं। हालांकि इसमें से आधा के करीब 550 के लगभग स्टार्टअप केवल दून में रजिस्टर्ड हैं। सनफॉक्स, दिगंतरा, डीटाउन रोबोटिक, कीवी किसान विंडो और हनएग्रो केयर दून के ऐसे स्टार्टअप हैं, जो देश ही नहीं दुनिया के दो दर्जन देशों में पहचान बनाई है। खास बात यह है कि आज युवा सरकारी नौकरी के बजाए स्टार्टअप की दुनिया में कदम बढ़ा रहे हैं।

यू-हब से रफ्तार पकड़ेंगे स्टार्टअप
राज्य में जल्द ही यू-हब बनाया जाएगा। दून के आईटी पार्क में प्रस्तावित यू-हब स्टार्टअप को नई उड़ान देगा। यू-हब यानि लीड इनक्यूबेटर स्टार्टअप को मानक सेवाओं में नेटवर्किंग गतिविधियां, मार्केटिंग हेल्प, फंड मैनेजमेंट, विशेष प्रकार के उपकरण, उद्यम पूंजीपतियों तक पहुंच, बिजनेस एडवाइजर, रणनीतिक साझेदार कनेक्शन, बैंक वित्त, अनुदान, बीज और उद्यम पूंजी जुटाना है। सरकार की यह सुविधा मिलने से इनवेंशन और इनोवेशन को पंख लगने की उम्मीद जताई जा रही है।

हर जिले में इनक्यूबेशन सेंटर
पीएम नरेंद्र मोदी के सबसे महत्वाकांक्षी स्टार्टअप प्रोजेक्ट के तहत 30 इनक्यूबेशन सेंटर खोले जाने का प्रस्ताव है। हर जिले में कम से कम एक इन्क्यूबेशन सेंटर खोले जाएंगे। इससे नए इनवेंशन व इनोवेशन को डेवलप करने में मदद मिलेगी। अभी तक दून में एक ही सेंटर था, लेकिन अब 4 नए इंक्यूबेशन सेंटर शुरू हो गए हैं। स्टार्ट अप का प्रमोट करने के लिए 15 इन्क्यूबेटर भी रजिस्टर्ड हैं। युवाओं में स्टार्टअप को लगातार लेकर क्रेज बढ़ता जा रहा है।

वेंचर फंड के लिए 200 करोड़
स्टार्टअप को शुरू करने के लिए केंद्र सरकार 1 लाख से लेकर 1 करोड़ तक प्रति स्टार्टअप वित्तीय प्रोत्साहन दे रही है। इससे इनोवेशन को नई दिशा मिलेगी। 40 से अधिक स्टार्टअप उद्यमों को वित्तीय प्रोत्साहन भी सरकार की ओर से दिया गया है। 152 स्टार्टअप अभी तक रजिस्टर्ड किए जा चुके हैं। इसके साथ ही वेंचर फंड की स्थापना के लिए 200 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

पेटेंट के लिए 5 लाख
मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स को 10 लाख तक एकमुश्त सीड फंडिंग दी जाएगी, जबकि एसटी-एसटी, दिव्यांग और ग्रासरूट इनोवेशन पर आधारित स्टार्टअप्स को 12.50 लाख तक की सहायता कर रही है। इसके अलावा लोकल पेटेंट के लिए 1 लाख और अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट के लिए 5 लाख की सहायता दी जा रही है। हालांकि पिछले पांच साल में इन पांच जिलों बागेश्वर, चंपावत, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी में एक भी स्टार्टअप शुरू नहीं हुआ है। सबसे अधिक दून में 101 स्टार्टअप को मान्यता मिली है।

इम्प्लायमेंट का भी बन रहे जरिया
संयुक्त निदेशक उद्योग शिखर सक्सेना ने बताया कि कई स्टार्टअप ने अच्छा बिजनेस खड़ा कर दिया। जिससे यहां लगातार रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं। राज्य में लगातार स्टार्टअप बढ़ता जा रहा है। स्टार्टअप को प्रमोट करने के लिए सरकार एक लाख से लेकर 1 करोड़ तक प्रोत्साहन राशि दे रही है। राज्य के स्टार्टअप हेल्थ, आईटी, एग्रीकल्चर, रोबोटिक आदि कई क्षेत्रों में काम कर रहे हैं।

हर साल 10 बेस्ट इनोवेटिव आइडियाज सिलेक्टेड
केंद्र सरकार ने मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स और छात्र उद्यमियों के स्टार्टअप्स को 15 हजार प्रतिमाह का एक साल तक मासिक भत्ता देने का प्रावधान किया है। जबकि एससी-एसटी के लिए यह राशि 20 हजार रुपये है। साथ ही 10 लाख तक एकमुश्त फंडिंग की सुविधा दी जा रही है। हर साल 10 श्रेष्ठ इनोवेटिव आइडियाज का चयन किया जाता है।

स्टेट पोर्टल पर रजिस्टर्ड स्टार्टअप
देहरादून 106
हरिद्वार 17
यूएस नगर 12
नैनीताल 13
पौड़ी 10
अल्मोड़ा 05
चमोली 03
टिहरी 02
टोटल 164

एक नजर में स्टार्टअप
2028 तक 1000 स्टार्टअप को मान्यता दिलाने का है टारगेट
1000 स्टार्टअप हुए हैं सेंटर गवर्नमेंट के पोर्टल पर रजिस्टर्ड
164 स्टेट पोर्टल पर रजिस्टर
200 करोड़ वेंचर फंड की स्थापना के लिए मंजूर
30 इनक्यूबेशन सेंटर खुलेंगे
40 स्टार्टअप को दिया गया शीड फंड
15 इनक्यूबेटर्स हैं रजिस्टर्ड
15 हजार हर माह प्रोत्साहन राशि
05 लाख तक पेटेंट के लिए सहायता
01 करोड़ तक वित्तीय प्रोत्साहन दिया जा रहा इनक्यूबेशन सेंटर के लिए

दून के इन्क्यूबेशन सेंटर
- ग्राफिक एरा
- उत्तराखंड पेट्रोलियम संस्थान
- दून इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलाजी
- तुलाज
- इंद्रधनुष प्राइवेट लिमिटेड

राज्य में स्टार्टअप बहुत तेजी के साथ रन कर रहे हैं। कई स्टार्टअप विदेशों में पहचान बना चुके हैं। इन्वेंशन व इनोवेशन को तेजी से ग्रोथ के लिए हर जिले में कम से कम एक-एक इन्क्यूबेशन सेंटर खोला जाना प्रस्तावित है। दून में यू-हब भी प्रस्तावित है।
शिखर सक्सेना, संयुक्त निदेशक, उद्योग

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