देहरादून (ब्यूरो): स्मार्ट सिटी बनने के बाद दून कई तरह से हाईटेक हो गया है। ये दावा करते हुए सुना गया था कि पब्लिक प्लेसेज पर यहां खुफिया कैमरे हर गतिविधि पर निगाह जमाए हैैं, यहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता। इन हाईटेक कैमरों की मदद से ट्रैफिक के साथ ही हर छोटे-बड़े क्राइम पर पैनी नजर रखी जा रही है, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि शहर के कई इलाकों में मेन रोड से नालियों के ऊपर लगाई गई लाखों रुपए की लोहे की ग्रेटिंग (जाल) चोरी हो गए। एक दो जगह नहीं आधा दर्जन इलाकों से लगातार लोहे की जालियां चोरी हो रही हैं, लेकिन चोर पुलिस की पकड़ में नहीं आ रहे हैं।

लोहे के 35 गे्रटिंग चोरी
चौड़ीकरण के बाद रोड के साइड में नालियों की सफाई के लिए बीच-बीच में लोहे के जाले (ग्रेटिंग) लगाए गए हंै। लेकिन लगने के बाद ये जाले चोरी किए जा रहे हैं। सिटी के आधा दर्जन से अधिक इलाकों से लोहे की जाले चोरी हुए हैं। स्मार्ट सिटी पीआईयू के सहायक अभियंता सुनील रावत ने बताया कि सड़कों से रोजाना नालियों के ऊपर से लोहे के जाले चोरी किए जा रहे हैं। अलग-अलग इलाकों से चोरी किए गए जालों की संख्या 30-35 तक है। ईसी रोड पर क्रॉस रोड तिराहे के पास और न्यू रोड पर एमकेपी चौक के पास, डालनवाला में कर्जन रोड, रेसकोर्स में बन्नू स्कूल के पास से 30-35 जाले उखाड़ के चोरी कर लिए गए हैं। इनकी कीमत लाखों रुपए की है। कई जगहों से दोबारा लगाने के बाद भी चोरी कर लिए गए हैं।

एक्सीडेंट स्पॉट बने गड्ढे
जाले हटाने के बाद ये गड्ढे हादसों का कारण बन रहे हैं। सड़क और फुटपाथ से चोरी किए गए जालों में लोग गड्ढे की वजह से एक्सीडेंट का शिकार हो रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कई जगहों पर दोबारा भी जाले लगाए गए और उन स्थानों से दोबारा भी जाले चोरी कर दिए। जिसके बाद स्मार्ट सिटी ने पुलिस में कंप्लेन कर चोरों को पकडऩे की गुहार लगाई है।

चोरी में महिलाएं भी शामिल
लोहे की जाले चोरी करने में महिलाएं भी शामिल हैं। हालांकि ये साफ नहीं है ये कौन महिलाएं हैं। बताया जा रहा है कि कबाड़ बीनने वाले चोरी में शामिल हो सकते हैं। पुलिस इस मामले में अभी तक किसी को पकड़ नहीं पाई है। सवाल यह है कि हाईटेक कैमरों के लैस होने के बाद भी पुलिस खुले आम सड़क से जाल उखाड़ कर चोरी करने वालों को नहीं पकड़ पा रही है।

इन इलाकों से चोरी
- ईसी रोड
- क्रॉस रोड
- न्यू रोड
- कर्जन रोड
- रेसकोर्स
- एमकेपी रोड

सिटी के हाइटेक कैमरों पर एक नजर
536
सीसीटीवी कैमरे
266
एएनपीआर, आरएलवीडी व एसवीडी कैमरे
802
कैमरे 12 किमी। एरिया में है फैले हुए
24
घंटे कंट्रोल रूम में एक्टिव है कैमरे

इन कैमरों से रखी जा रही निगरानी
RLVD: रेड लाइट वॉयलेशन डिब्टेक्शन कैमरे। इसके मदद से रेड लाइन जंप करने पर वाहन चालक को आसानी से पकड़ा जा सकता है।

SVD: स्पीड वॉयलेशन डिटेक्शन: इन कैमरों के जरिए वाहनों की ओवर स्पीड को आसानी से पकड़ा जा सकता है। वाहनों की ओवर स्पीड होने के बाद बकायदा, उनके ई-चालान घरों तक भेजे जाते हैं।

ANPR: ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन कैरमे ट्रैफिक पुलिस के लिए ट्रैफिक मैनेजमेंट में सबसे बड़े मददगार साबित ह ह हैेरेां। इनके जरिए चोरी के वाहन, एक्सीडेंट्स कर भागने वाले वाहों को आसानी से पकड़ा जा सकता है। कैरों की मदद से नंबर प्लेट कैप्चर किए जाते हैं।

PTZ: हाईटेक कैमरों में पीटीजेड यानि पेन, टिल्ट व जूम की सुविधा भी मौजूद है। ये कैमरे किसी भी एंगल में मूव करने की क्षमता रखते हैं।

कंट्रोल रूम 24 घंटे एक्टिव
इन सभी कैरों की मॉनिटरिंग सिस्टम आईटी पार्क स्थित इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) से ऑपरेट किया जाता है, जहां पर देहरादून स्मार्ट सिटी की ओर से कंट्रोल रूम तैयार किया जाता है, लेकिन टे्रनिंग पूरी होने के बाद अब पुलिस इस व्यवस्था को संभाल रही है। जबकि जरूरत पडऩे पर स्मार्ट सिटी टेक्निकल सपोर्ट देती है।

इन पर रखी जा रही कड़ी निगाह
- नो पार्किंग वाहन पार्क
- रॉन्ग साइड पार्किंग
- रेड लाइट जंप
- सुचारू ट्रैफिक
- ओवर ऑल एनक्रोचमेंट
- ट्रैफिक जंक्शन
- फुटपाथ पर कब्जा
- जाम की समस्या
- सड़क व चौक-चौराहों की गतिविधि

नालियों के ऊपर लगाए गए जाले चोरी किए जा रहे हैं। कई इलाकों से रोजाना जाले चोरी हो रहे हैं। दोबारा लगाने के बाद भी चोरी की घटनाएं रुक नहीं रही हैैं। इस संबंध में पुलिस में कंप्लेन की गई है।
प्रवीन कुश, अधिशासी अभियंता, पीआईयू

चोरी का यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। यह गंभीर मामला है। सड़क से खुलेआम कैसे चोरी हो रही हैं। यदि ऐसा है, तो इसे तत्काल सीसीटीवी कैमरे पर सर्च कर जल्द चोरों का पता लगाया जाएगा।
राकेश गुसाईं, थानाध्यक्ष, डालनवाला

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