- बाल आयोग ने शिकायत पर पुलिस कप्तान को लिखा पत्र
- नेहरू कॉलोनी थाना पुलिस पर भी उठे सवाल, शिकायत के बाद नहीं हुई कार्रवाई
देहरादून,
एक तो कोरोनाकाल, ऊपर से नशे का जानलेवा ाकारोबार। दून शहर में आजकल कुछ ऐसा ही हाल हैं। बेखौफ लोग कोरोना संक्रमणकाल में शहर के कई इलाकों में नशे का कारोबार कर रहे हैं। इनको न किसी नियम कानून का डर है और न किसी शासन प्रशासन व पुलिस का भय। लगातार शिकायत आने के बाद आखिरकार उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग को दखल देना पड़ा है। आयोग ने एसएसपी को कार्रवाई करने के लिए पत्र तक लिखा है।
ई-मेल के जरिए आयोग को कंप्लेन
दून में नशे के कारोबार का पुराना इतिहास है। राज्य गठन के बाद से लेकर अब तक लगातार शिकायतें सामने आती रही हैं। कई बार पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों ने इस पर हिम्मत भी दिखाई, लेकिन वे कार्रवाई कर पाने में फिसड्डी साबित हुए। लेकिन एक बार फिर से कोरोना संक्रमणकाल में नशे के कारोबार को लेकर शिकायत सामने आई हैं। उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग को किसी शिकायतकर्ता संजीव ने ई-मेल के साथ शिकायत भेजी। इसके बाद बाल आयोग ने भी बिना समय गंवाए पुलिस प्रशासन को पत्र लिख डाला। आयोग की चेयरमैन पुलिस कप्तान को लिखे पत्र में कहा है कि कोविड कफ्र्यू के दौरान नेहरू कॉलोनी सपेरा बस्ती में अवैध रूप से नशे का कारोबार संचालित हो रहा है।
नशे में शामिल
-स्मैक
-अंग्रेजी शराब
-देशी शराब।
-गांजा
तीन वर्षो से चल रहा धंधा
शिकायतकर्ता ने आयोग को भेजे गए ई-मेल में कहा है कि विधानसभा के पास रिस्पना पुल के नजदीक सपेरा बस्ती में नशे का कारोबार कोरोनाकाल में तेजी से फल फूल रहा है। जिस कारण स्थानीय लोग बेहद चिंतित हैं। कहा गया है कि कई बार स्थानीय लोगों ने नेहरू कॉलोनी पुलिस में भी शिकायत की। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। खास बात ये है कि ये कारोबार करीब तीन वर्षो से संचालित हो रहा है। शिकायतकर्ता ने तो आयोग को भेजे पत्र में स्थानीय पुलिस पर भी सांठ-गांठ तक के आरोप लगाए हैं। जबकि कोरोना संक्रमणकाल में यहां 24 घंटे नशे का कारोबार संचालित हो रहा है। शिकायतकर्ता ने बाकायदा, आयोग ने नशे का कारोबार करने वालों तक के नाम लिखकर भेजे हैं।
एक परचून की दुकान में सब कुछ
शिकायतकर्ता ने शिकायत करते हुए कहा है कि एक घर में परचून की दुकान खोली गई है। जहां बीड़ी, सिगरेट, गुटखा जैसे सामान के खरीदने के आड़ पर नशा आसानी से उपलब्ध हो जाता है।
कार्रवाई की रिपोर्ट 10 दिनों में दी जाए
बाल आयोग ने एसएसपी को लिखे पत्र में कहा है कि इससे पहले कुछ सामाजिक संस्थाओं जैसे मैक, आसरा फाउंडेशन जैसे संस्थाओं ने भी आयोग में नशे के कारोबार को लेकर शिकायत की थी। कहा था कि कोविड कफ्र्यू के दौरान दून के कई इलाकों में नाबालिग नशे कर रहे हैं। जिससे संक्रमण फैलने की आशंका बनी हुई है। इस मामले को लेकर बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने पुलिस से संबंधित नशे कारोबारियों के खिलाफ जांच कर कार्रवाई करने के साथ 10 दिनों में जांच रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है।
ये इलाके संवेदनशील
-बिंदाल पुल के नीचे
-बाईपास चांचक बस्ती
-प्रेमनगर का कुछ हिस्सा
-ब्रह्मपुरी काला ग्राउंड
-लक्खीबाग के कुछ क्षेत्र
-लोअर राजीवनगर का एक हिस्सा
-सपेरा बस्तियां
-डीएल रोड एक इलाका
-आजाद कॉलोनी
दून में नशे की चेन को ब्रेक करने के लिए पुलिस को आम लोगों को अवेयर करने की जरूरत है। कमेटी गठित कर इस पर रोक आसानी से लगाई जा सकती है। संस्थाएं भी इसमें जुटी हुई हैं।
-मोहम्मद आलम, प्रमुख, मैक संस्था।
नशे का कारोबार फल फूल रहा है तो इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। नाबालिग गिरफ्त में आ रहे हैं। इस पर पुलिस से कार्रवाई की पूरी उम्मीद है।
-ऊषा नेगी, चेयरमैन, यूसीपीसीआर।