देहरादून(ब्यूरो) जानकारों की मानें तो पुरानी तहसील दून के सबसे बड़े पलटन मार्केट, धामावाला, मोता बाजार की एक मात्र पार्किंग है। इस एरिया में दूसरी कोई बड़ी पार्किंग नहीं है। इस लिहाज से पुरानी तहसील में लोग वाहन पार्किंग करते हैं। पुलिस भी चौपहिया वाहनों को इससे आगे नहीं जाने देती हैं। बताया जा रहा है कि इस पार्किंग में रोजना लगभग दो हजार वाहन आते-जाते हैं। यहां पर दोपहिया से 10 से लेकर 20 और चौपहिया से 30 से लेकर 50 रुपए लिए जा रहे हैं। इस हिसाब से पार्किंग से एक से डेढ़ लाख रोजाना की कमाई बताई जा रही है।

प्रशासन को लाखों के राजस्व की चपत
सवाल यह है कि पुरानी तहसील में जब वैध पार्किंग ही नहीं है, तो अवैध रूप से पार्किंग की अनुमति किसने दी है। अवैध पार्किंग से की जा रही लाखों की शुल्क वसूली से किसी फायदा है। जब पार्किंग वैध नहीं है, तो राजस्व प्रशासन को जाने का सवाल नही है। जब प्रशासन को राजस्व नहीं मिल रहा है, तो पार्किंग की अनुमति भी नहीं है। बगैर अनुमति के कैसे कोई पार्किंग चला रहा है। यह तो गजब हाल है। क्या इस पर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए।

एक माह से चल रही अवैध पार्किंग
रोजाना लाखों रुपए की कमाई करने वाली पार्किंग को प्रशासन ने लावारिश छोड़ दिया है। जब यहां पर बिल्डिंग बन रही है, तो पार्किंग क्यों संचालित की जा रही है। यदि पार्किंग चलाई जानी है, तो इसकी शॉर्ट टाइम परमिशन क्यों नहीं दी गई, ताकि राजस्व प्रशासन को मिल जाता। ऐसा अनजाने में हो रहा है या फिर जानबूझ कर अधिकारी मौन हैं। ये वे सवाल हैं, जो अवैध वसूली के लिए विभाग के मिलीभगत की ओर से इशारा कर रहा है।

पुरानी तहसील में बन रही मल्टीस्टोरी पार्किंग
पुरानी तहसील जर्जर हो चुकी थी। यहां बिल्डिंग सौ साल पुरानी हो गई थी। इसको तोड़कर नया कंस्ट्रक्श्न ही एक मात्र विकल्प था। इस एरिया में कहीं भी पार्किंग नहीं है। प्रशासन ने यहां पर मल्टीस्टेारी पार्किंग बनाने का निर्णय लिया है। इसका जिम्मा एमडीडीए को सौंपा गया है। एमडीडीए मल्टीस्टोरी पार्किंग का एस्टीमेट तैयार कर रहा है। बताया जा रहा है कि यहां पर 6-7 मंजिला पार्किंग बनाई जानी है। इस बिल्डिंग के बनने से तहसील एरिया में पार्किंग की बड़ी समस्या समाप्त हो जाएगी।
dehradun@inext.co.in