-महंत इंद्रेश हॉस्पिटल ने शुरू किया अनोखा एक्सपेरिमेंट
-हॉस्पिटल कैंपस में गाइड के रूप में तैनात किए मददगार
-हर फ्लोर और हर ब्लॉक में मदद के लिए तैयार रहते हैं गाइड
DEHRADUN :
आप हॉस्पिटल में इलाज कराने के लिए गए हों। आपको पता नहीं चल रहा है कि कौन सा डॉक्टर कहां बैठा है। कौन सा टेस्ट कहां होगा। किधर से जाएंगे कि लिफ्ट मिल जाएगी या फिर पीने का पानी कहां मिलेगा। आप परेशान हाल इधर उधर भटक रहे हों और ऐसे में अचानक से कोई आपके पास आए और कहे क्या मैं आपकी सहायता कर सकता हूं तो चौंकिएगा मत। यह नया एक्सपेरिमेंट है। महंत इंद्रेश हॉस्पिटल में तैनात ये गाइड आपको हर पल मदद करने को तैयार मिलेंगे। सबसे खास बात यह है कि ये गाइड आपको हर ब्लॉक, हर फ्लोर और हर उस जगह मिल जाएंगे जहां आपको उनकी जरूरत होगी।
शुरू हुआ नया प्रयोग
मरीजों और उनके तीमारदारों की सुविधा के लिए महंत इंद्रेश हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन ने यह नया प्रयोग शुरू किया है। ऐसा नहीं है कि पहले यहां कोई हेल्प डेस्क काउंटर नहीं था। मेन बिल्डिंग में ही हेल्प काउंटर लगाए गए थे जहां हर तरह की जानकारी दी जा जाती थी। पर अब आपको इस हेल्प सेंटर पर जाने की जरूरत नहीं है, क्योंकि गाइड के रूप में ये हेल्प सेंटर आपके आस-पास ही नजर आ जाएंगे।
हॉस्पिटल का हुआ विस्तार
महंत इंद्रेश हॉस्पिटल के पीआरओ भूपेंद्र रतूड़ी ने बताया कि हॉस्पिटल का स्ट्रक्चर काफी बड़ा हो चुका है ऐसे में मरीज और उनके तीमारदार अक्सर इधर-उधर भटक जाते थे। वॉर्ड में जाना हो या ओपीडी में दिखाना हो उन्हें वहां तक पहुंचने में ज्यादा वक्त लग जाता था। ऐसे में हेल्प डेस्क भी ज्यादा मदद नहीं कर पाती थी। क्योंकि हेल्प डेस्क से सिर्फ यह बताया जा सकता है कि आप उधर से चले जाएं या उस फ्लोर पर चले जाएं। पर अब गाइड तैनात किए गए हैं जो आपको उस जगह पहुंचाएंगे जहां आपको जाना होगा।
प्रशिक्षित हैं सारे गाइड
भूपेंद्र रतूड़ी ने बताया कि इन सारे गाइड को प्रशिक्षित किया गया है। इन गाइड को हॉस्पिटल के सारे प्रॉसेस से लेकर हर वॉर्ड और डॉक्टर्स में बारे में समय-समय पर बताया जा रहा है। हॉस्पिटल से जुड़ी हर एक जानकारी इन गाइड को है ताकि किसी पेशेंट या उनके साथ आए लोगों को परेशान न होना पड़े।
मरीज भी हैं संतुष्ट
सबसे अधिक संतुष्ट हॉस्पिटल आने वाले मरीज हैं। कोटद्वार से अपनी बेटी के बेहतर इलाज के लिए पहुंची राखी नेगी ने बताया कि मुझे न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट में जाना था। पर इतने बड़े हॉस्पिटल में मैं खुद को अकेला पा रही थी। मैं हैरान परेशान इधर-उधर देख रही थी। अचानक से एक गाइड मेरे पास आया और मेरी परेशानी पूछने लगा। पहले तो मुझे अटपटा लगा, फिर जब मैंने उसकी ड्रेस पर लिखा शब्द गाइड पढ़ा तो मुझे अच्छा लगा। उस गाइड ने मेरी पूरी मदद की।
वर्जन।
अभी आठ गाइड तैनात किए गए हैं। जरूरत पड़ी तो और की भी तैनाती की जाएगी। ये गाइड मरीजों और उनके तीमारदारों को हेल्प कर रहे हैं, ताकि उन्हें कोई परेशानी न हो। इन गाइड्स की पहल को अच्छा रिस्पांस मिला है। इन्हें अगर ड्रेस कोड दिया गया है, ताकि ये दूर से ही पहचाने जा सकें।
डॉ। वीके बिहारी
अपर चिकित्सा अधीक्षक
श्री महंत इंद्रेश हॉस्पिटल