देहरादून (ब्यूरो) गुलाब के फूल अक्सर इसकी डिमांड रहती है। दून की बात करे तो दून के हॉर्टिको नर्सरी में 200 से वैरायटीज के गुलाब के पौधे बिक रहे हैं। दून से ये पौधे देश ही नहीं विदेशों में भी पहुंच रहे हैं। यहां नर्सरी के संचालक खुद ग्राफ्टिंग कर ये पौधे तैयार कर रहे हैं और फिर इन्हें बेचते हैं।

मॉरीशस, अफ्रीका पहुंच रहे रोज़

हॉर्टिको नर्सरी के संचालक सुधांशु बताते हैं कि दून सहित आसपास के स्टेट्स के लोग तो गुलाब के पौधे लेकर जाते ही हैं। इसके साथ ही विदेशों में भी उनके नर्सरी के गुलाब पहुंच रहे हैं। उनका कहना है जब लोग विदेशों से लोग दून पहुंचते हैं तो कई बार वे लोग नर्सरी भी विजिट करते हैं और यहां से गुलाब के पौधे लेकर जाते हैं। उसकी नर्सरी में तैयार किए गए गुलाब के पौधे मॉरीशस और अफ्रीका तक पहुंच चुके हैं।

कलर देखकर करते हैं पसंद

सुधांशु ने जानकारी देते हूए बताया कि उनके पास 200 से अधिक वैरायटी के गुलाब मौजूद हैं। जो कि 250 रुपये से लेकर 1000 रुपए तक की कीमत के हैं। वहीं, गुलाब के पौधे की डिमांड को लेकर उन्होंने बताया कि बहुत कम ही लोग होते हैं जो कोई वैरायटी की मांग करते है, नहीं तो लोग कलर देखकर ही गुलाब के पौधे खरीदते है। जिसमें लाल और पीला कलर सबसे ज्यादा खरीदा जा है।

खुद तैयार कर रहे हैं पौध

नर्सरी में सुधांशु खुद ही ग्राफ्टिंग कर पौधे तैयार कर रहे हैं। इसके लिए वो पहले जंगली गुलाब की रूट स्टॉक करते हैं और फिर दो से तीन महीने बाद इसमें ग्राफ्टिंग कर उससे दूसरी वैरायटी का गुलाब बनाते हैं। जिसमें अधिकतर विदेश वैरायटी के गुलाब रहते है। इस तरीके से वो हर साल आठ से नौ हजार पौधे तैयार करते हैं। जिसमें से उनके 80 परसेंट पौधे बिक जाते हैं।

व्यापारी ले जाते है पौध

सुधांशु लगभग चालीस सालों से प्रोपोगेट कर गुलाब के पौधे तैयार कर रहे है। यही कारण है कि यहां पर व्यापारी खुद ही पौधों को खरीदने के लिए आ जाते है और अपनी नर्सरियों में बेचते हैं।

मैं लगभग चालीस सालों से दून में गुलाब को प्रोपोगेट कर रहा हूं। यहां की जलवायु गुलाब के लिए बहुत अच्छी है।
-सुधांशु, नर्सरी संचालक

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