-नहीं काटने पडे़ंगे नगर निगम या पालिका के चक्कर

>DEHRADUN: उत्तराखंड चिकित्सा अनुभाग के अनुसार प्रदेश के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को उनके क्षेत्र के अंतर्गत पंजीकृत होने वाली जन्म-मृत्यु घटनाओं के रजिस्ट्रीकरण और जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत करने के लिए रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) घोषित ि1कया है।

अभी तक थी यह व्यवस्था

अस्पतालों में होने वाले जन्म और मृत्यु की सूचना संबंधित नगर निगम या नगर पालिका को भेजी जाती है। इसके बाद वहीं से जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए जाते हैं। इसके लिए कुछ निर्धारित समय रहता है, जिसके चलते कुछ समय बाद ही जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र जारी होते हैं।

जारी किया शासनादेश

सरकारी अस्पतालों से जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने के संबंध में शासनादेश विधिवत रूप से प्रमुख सचिव ओमप्रकाश की ओर से संबधित विभागीय अधिकारियों के लिए जारी भी कर दिया गया है। डिप्टी सीएमओ दून डॉ। यूएस चौहान के अनुसार नए आदेश के तहत ही अब स्वास्थ्य विभाग के चिकित्साधिकारी, चिकित्सा अधीक्षक जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रकरण और प्रमाण पत्र जारी करने के काम को गंभीरतापूर्वक संपन्न कर रहे हैं, जिससे किसी भी व्यक्ति को इस संबध में कोई असुविधा का सामना नहीं करना पड़े।