-पार्क प्रशासन ने पूरी की सभी तैयारियां, बर्फ काटकर तैयार किया गया है रास्ता
-पर्यटकों की सुविधा के लिए घाटी में ग्लेशियर प्वाइंट पर वनकर्मी कराएंगे आवाजाही

देहरादून, 31 मई (ब्यूरो)। इस बार पर्यटकों को कलरफुल फूलों के साथ घाटी में हिमखंडों के दीदार का भी मौका मिलेगा। पर्यटकों को सुविधाएं देने व उनकी सुरक्षा के लिए ग्लेशियर प्वाइंट पर वन कर्मियों की मौजूदगी में आवाजाही कराई जाएगी।


::वैली में खिले हैं ये फूल::
-जंगली ककड़ी
-प्रिमुला
-डेंटीकुला
-एलीमेक

चमोली जिले में मौजूद वल्र्ड हेरिटेज
चमोली जिले में समुद्रतल से 12,995 फीट की ऊंचाई पर स्थित वल्र्ड हेरिटेज फूलों की घाटी के गेट प्रतिवर्ष एक जून को पर्यटकों के लिए खोले जाते हैं। अबकी बार बेस कैंप घांघरिया से 3 किमी पैदल मार्ग पर बामणधौड़ के पास ग्लेशियर प्वाइंट और घांघरिया के पास भूसा नाला में हिमखंड काटकर पैदल मार्ग तैयार किया गया है। इसके अलावा वैली में एक नहीं, कई स्पेशील के कलरफुल फूल खिले हुए हैं।


::वैली ऑफ फ्लावर पर एक नजर::
-वल्र्ड हेरिटेज के नाम से घाटी फेमस।-नेशनल पार्क में 500 से ज्यादा स्पेशीज के फूल
-उत्तराखंड के चमोली जिले में वैली ऑफ फ्लावर मौजूद
-वैली समुद्रतल से 12,995 फीट की ऊंचाई पर मौजूद।-टूरिस्ट के लिए हर वर्ष खुलता है पहली जून को।


फॉरेनर टूरिस्ट के लिए 600 रुपए का टिकट
दरअसल, नए फूल खिलने के कारण हर 15 दिन के अंतराल में घाटी का रंग बदल जाता है। यूनेस्को की ओर से संरक्षित फूलों की घाटी नेशनल पार्क में 500 से अधिक स्पेशील के फूल खिलते हैं। घाटी की सैर के लिए इंडियन टूरिस्ट को 150 रुपये और फॉरेनर टूरिस्ट को 600 रुपये प्रति व्यक्ति एंट्री शुल्क के तौर पर देना पड़ता है। नंदा देवी नेशनल पार्क के प्रभागीय वनाधिकारी वीबी मार्तोलिया के अनुसार घाटी में रुकने की अनुमति न होने के कारण टूरिस्ट को दोपहर 12 बजे तक ही प्रवेश दिया जाता है। दो बजे तक टूरिस्ट को वापस लौटना पड़ता है। लेट होने की स्थिति में वन कर्मी पर्यटकों को वापस लेकर आते हैं