देहरादून ब्यूरो। एक दिन पहले मॉकड्रिल की सूचना सभी संबंधित विभागों को दे दिये जाने के मामले में आपदा प्रबंधन सचिव डॉ। रंजीत सिन्हा की ओर से एक बयान आया है। इस बयान में उन्होंने कहा कि थर्सडे को किया गया मॉकड्रिल आपदा की स्थिति में केन्द्र और राज्य सरकार की एजेंसियों के बीच आपसी समन्वय का जायजा लेने के लिए किया गया था। इसलिए इसकी सूचना पहले से दे दी गई थी। भविष्य के किसी भी मॉकड्रिल की जानकारी पहले नहीं दी जाएगी। थर्सडे को किये गये मॉकड्रिल में नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी, मिलिट्री्र आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पर्यटन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, एसएसबी, बीआरओ आदि को शामिल किया गया था।

यात्रा सीजन में अलर्ट रहना जरूरी
सैटरडे को उत्तराखंड की चारधाम यात्रा शुरू हो गई है। यात्रा सीजन में किसी तरह का कोई हादसा हो जाने की स्थिति में विभागों को तैयारियों को परखने के लिए देहरादून, हरिद्वार, टिहरी, पौड़ी, चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में 16 जगहों पर इस तरह का मॉकड्रिल किया गया था। इसमें बाढ़ आने, भगदड़ मचने, बस खाई में गिरने, भूकंप आने और भूस्खलन होने जैसी सूचनाएं दी गई थी। हालांकि एक दिन पहले ही सूचना दे दिये जाने के कारण इन मॉकड्रिल का कोई उद्देश्य खुद ही खत्म हो गया था।

सूचना के बावजूद खामियां
बताया जाता है कि एक दिन पहले ही मॉकड्रिल की सूचना दे दिये जाने के बावजूद इसमें कई विभागों की लेट-लतीफी सामने आई। स्टेट डिजास्टर मिटिगेशन एंड मैनेजमेंट ऑथोरिटी को इन कमियों को दून करने के लिए कहा गया है। देहरादून के इस दौरान दो जगह मॉकड्रिल किये गये। रायपुर क्षेत्र में सौंग नदी में बाढ़ आने की सूचना प्रसारित की गई, जबकि ऋषिकेश के बस अड्डे पर भगदड़ मचने की सूचना दी गई। तीर्थयात्रा सीजन को देखते हुए ऋषिकेश में भगदड़ मचने का मॉकड्रिल काफी महत्वपूर्ण था। लेकिन एक दिन पहले से सूचना के बावजूद ऋषिकेश में मॉकड्रिल के दौरान कई अनियमितताएं मिली।

भूस्खलन सबसे बड़ा खतरा
चारधाम यात्रा के दौरान इस बार भूस्खलन सबसे बड़ा खतरा हो सकता है। थर्सडे को किये गये मॉकड्रिल में कई जगह भूस्खलन का सूचना दी गई थी। हालांकि इसमें कई कमियां दर्ज की गई, जिन्हें दुरुस्त किया जाना है। जानकारों के अनुसार चारधाम यात्रा मार्ग को चौड़ किये जाने के कारण सैकड़ों की संख्या में नये स्लाइडिंग जोन विकसित हुए हैं, जो यात्रा का बाधित कर सकते हैं। कई जगहों पर अब भी रोड चौड़ा करने का काम चल रहा है। ऐसे में इन स्लाइडिंग जोन के आसपास विशेष व्यवस्था किये जाने की जरूरत होगी।

वेबसाइट भी अपडेट नहीं
आपदाओं के प्रदेश में डिजास्टर मैनेजमेंट के लिए मंत्रालय, अथॉरिटी, राज्य स्तरीय मैनेजमेंट सेंटर और हर जिले में कंट्रोल रूम हैं। स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की एक वेबसाइट भी है। इस वेबसाइट पर मॉकड्रिल से संबंधित सूचनाएं दी गई हैं। लेकिन थर्सडे को किये गये मॉकड्रिल संबंधी सूचनाएं दर्ज नहीं हैं। इस वेबसाइट की माने को एसडीएमए ने अपना आखिरी मॉकड्रिल 12 फरवरी 2020 को किया था। यह देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल में किया गया था, जो औद्योगिक क्षेत्रों में केमिकल डिजास्टर की तैयारियों को लेकर किया गया था।