देहरादून ब्यूरो : स्वास्थ्य मंत्री डा। धन सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय में स्वास्थ्य विभाग की उच्चस्तरीय बैठक हुई। जिसमें विभाग के तहत प्रदेशभर में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिये उनका सैपरेट कैडर बनाये जाने, वेतन वृद्धि व रिटायरमेंट की अवधि 60 से बढ़ाकर 65 वर्ष किये जाने का निर्णय लिया है। कहा गया है कि इसके लिये विभागीय अधिकारी एक सप्ताह के भीतर प्रस्ताव तैयार कर शासन को प्रस्तुत करेंगे। इस प्रस्ताव को आगामी कैबिनेट की बैठक में भी रखा जाएगा।

1300 पद खाली, 250 की ही मंजूरी


स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार विभाग में डॉक्टरों के खाली पदों के सापेक्ष नियत वेतनमान पर डॉक्टरों की तैनाती करने व पीजी कोर्स करने गये एमबीबीएस डॉक्टर्स के ऑप्शन के रूप में कुछ अस्थाई पदों की स्वीकृत का भी निर्णय लिया गया। इनका प्रस्ताव भी कैबिनेट में रखा जाएगा। डॉ। रावत ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के तहत टेक्नीकल संवर्ग के कुल 1300 पद रिक्त हैं। जिनके सापेक्ष विभाग को केवल 250 पद भरने की ही स्वीकृति कैबिनेट द्वारा पूर्व में दी गई थी। जबकि, विभाग को पूरे प्रदेश में सभी 1300 पदों पर टेक्नीशियन की जरूरत है। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को सभी पदों को पुनर्जीवित करने व भरने की स्वीकृति संबंधी प्रस्ताव कैबिनेट में लाने के निर्देश दिये गए हैं। जिससे पीएचसी से लेकर सीएचसी, सब डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल व डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटलों में टेक्नीशियनों की कमी को दूर किया जा सके। बैठक में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य एवं अनुश्रवण परिषद उत्तराखंड के उपाध्यक्ष सुरेश भट्ट, सीएस डा। एसएस संधू, हेल्थ सेक्रेटरी डा। आर राजेश कुमार आदि अधिकारी मौजूद रहे।

मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशलिस्ट्स की बढ़ेगी सैलरी


बताया गया है कि स्टेट के तमाम राजकीय मेडिकल कॉलेजों में प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर के खाली 156 पदों को भरने का रास्ता खुल गया है। विभाग की उच्च स्तरीय बैठक में उक्त पदों को भरने के लिये न्यूनतम आयु सीमा बढ़ाने का निर्णय ले लिया गया है। जिसका प्रस्ताव चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा शासन को प्रेषित किया जाएगा। जिसको राज्य सरकार द्वारा स्वीकृति प्रदान की जाएगी। इससे पहले राज्य कैबिनेट द्वारा उक्त पदों पर भर्ती की अधिकतम आयु सीमा निर्धारित की जा चुकी है। आने वाले समय में सूबे के मेडिकल कॉलेजों को 53 प्रोफेसर व 103 एसोसिएट प्रोफेसर मिल सकेंगे। इसी प्रकार चिकित्सा शिक्षा के अंतर्गत विभिन्न राजकीय मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशलिस्ट विभागों के रिक्त पदों का वेतनमान बढ़ाने को निर्णय लिया गया है जिसका विभाग द्वारा प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट के लिये प्रस्तुत किया जायेगा।

इनमें ये शामिल

इन सुपर स्पेशलिटी संकायों में कार्डियोलॉजी, यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, रेडियोलॉजी, न्यूरो सर्जरी तथा प्लास्टिक एवं बर्न सर्जरी विभाग शामिल हैं जिनमें प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिसटेंट प्रोफेसर व सीनियर रेजिडेंट शामिल हैं

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