• बिजली घरों को हाइटेक सुविधाओं से जोड़ किए जा रहे पुख्ता इंतजाम
  • कंडक्टर से लेकर केबल, पोल, और ट्रांसफार्मर समेत जरूरी उपकरण एडवांस में स्टोर

देहरादून (ब्यूरो): कहीं पोल बदले जा रहे हैं, तो कहीं ट्रांसफार्मर तो कहीं अन्य जरूरी जर्जर उपकरण बदले जा रहे हैं। गर्मी में बिजली की डिमांड एकाएक बढऩे पर लाइनें ओवरलोड होने से फीडरों में बार-बार फॉल्ट आता है। इस समस्या के त्वरित समाधान को लाइनों का मेंटेनेंस कर फूलप्रूफ इंतजाम किए जा रहे हैं। ऊर्जा निगम ने डिविजन और सब डिविजनों में तैनात अधिकारी-कर्मचारियों को कड़े निर्देश जारी किए हैं। फॉल्ट की सूचना मिलते ही उसे तत्काल ठीक करने की हिदायत दी गई है। मेंटेनेंस में आमतौर पर प्रयुक्त होने वाले जरूरी उपकरणों को बिजली घरों को पहुंचाया जा रहा है, ताकि फीडरों और लाइनों में फॉल्ट आने पर सामान के लिए समय बर्बादी न हो।

फॉल्ट की मिल जाएगी सही इंफॉरमेशन
कई बार ऐसा होता है कि ब्रेकर्स में फॉल्ट की सही सूचना को कर्मचारी दबा देते हैं। मैन्युअली इसे पकड़ा नहीं जा सकता था, जिससे उपभोक्ताओं को बिजली संकट का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब टाइमर लगने से पता चल जाएगा कि फलां लाइन, ट्रांसफार्मर और फीडर में फाल्ट कितने बजकर कितने मिनट पर आया था। फलां लाइन कितने समय से बंद चल रही है। अब कर्मचारी अफसरों को गुमराह नहीं कर पाएंगे। सब स्टेशनों पर रियल टाइम डाटा एक्वीजिशन सिस्टम (आरटीडीएएस) की नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है। ये पूरी तरह डिजिटली है, जिसमें सैंसर लगे हुए हैं। अब कर्मचारी घंटों पहले लाइन खराबी को अभी-अभी खराब होना नहीं बता सकेंगे।

201 बिजली घरों में लगेंगे रियर टाइमर
ऊर्जा निगम बिजली घरों में 201 रियल टाइम डाटा एक्वीजिशन सिस्टम लगा रहा है। दून में ये टाइमर लग चुके हैं। आरटीडीए सिस्टम से ट्रिङ्क्षपग की त्वरित जानकारी और डाटा संकलन के आधार पर उपाय में मदद मिलेगी। इस कार्य के लिए निविदाएं आमंत्रित कर दी गई हैं और जून में कार्य शुरू होने की उम्मीद है।

ब्रेकर्स की मिल रही रियल टाइम इंफॉरमेशन
ऊर्जा निगम के निदेशक ऑपरेशन एम.एल। प्रसाद ने बताया कि केंद्र सरकार की आईपीडीएस योजना के तहत प्रदेश के 106 सब स्टेशनों पर रियल टाइमर यानि आरटीडीए सिस्टम लगाए गए हैं। इस प्रणाली के तहत सभी बिजली घरों पर विभिन्न सिस्टम लगाए गए हैं, जिससे ब्रेकर्स की रियल टाइम स्थिति की जानकारी मिलती रहती है। इससे प्लांड और अनप्लांड आउटेज बिजली को अलग किया जाता है। साथ ही डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क की विश्वसनीयता को सटीक रूप से मापने के लिए गणना की जाती है। उन्होंने बताया कि आरटीडीए के माध्यम से एकत्रित सूचना रियल टाइम आधार पर नेशनल पावर पोर्टल पर प्रेषित करते हुए नोडल एजेंसी पीएफसी को दी जाती है।

पावर डिस्ट्रीब्यूशन होगा बेहतर
रियल टाइमर सिस्टम के जरिए कंट्रोल रूम को फीडर आउटेज की सही जानकारी मिलने से कंज्यूमर्स को विद्युत बाधित होने की सटीक जानकारी उपलब्ध कराने में मदद मिल रही है। साथ ही फीडर ट्रिप होने की दशा में तत्काल एसएमएस के माध्यम से सूचना प्राप्त हो जाती है और निर्धारित संख्या से अधिक ट्रिङ्क्षपग की दशा में सूचना संबंधित उच्चाधिकारी को भी प्रेषित की जाती है। जिससे सभी स्तरों पर बेहतर ढंग से मानीटङ्क्षरग होने से बिजली व्यवस्था सु²ढ़ की जा रही है।

तत्काल होगा ब्रेकर्स फॉल्ट ठीक
सब स्टेशनों में स्थापित ब्रेकर्स की ट्रिङ्क्षपग की संख्या के आधार पर समय से ब्रेकर्स का मेंटेनेंस कर आपात स्थिति में विद्युत व्यवस्था बनाई जा सकती है। इसका कमांड सेंटर ऊर्जा मुख्यालय में स्थापित किया जा रहा है। जहां नियमित तौर पर इसका मॉनिटरिंग की जा रही है।

अब उपभोक्ताओं को लाइन में फॉल्ट आने से अधिक देरी तक बिजली संकट से नहीं जूझना पड़ेगा। बिजली घरों को हाइटेक सुविधाओं से जोड़कर मेंटेनेंस को जरूरी उपकरण एडवांस में स्टोर किए जा रहे हैं। रियल टाइमर से फॉल्ट की टाइमिंग की सही इंफॉरमेशन मिल जाएगी। इसके जरिए फॉल्ट को तत्काल ठीक करने के प्रयास किए जाएंगे।
एमएल प्रसाद, निदेशक ऑपरेशन, ऊर्जा निगम
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