- शासनादेश के विरोध में सीएम के सामने जलाई शासनादेश की प्रतियां

DEHRADUN: शासनादेश से नाखुश उपनल कर्मचारियों ने कांग्रेस मुख्यालय में सीएम हरीश रावत का घेराव कर शासनादेश की प्रतियां जलाकर विरोध जताया। हंगामा बढ़ता देख सुरक्षा कर्मियों ने किसी तरह सीएम को पिछले दरवाजे से निकाला। इसके बाद भी कर्मचारी यहां प्रदर्शन करते रहे। इस दौरान उनकी पुलिस और दर्जाधारी मंत्री राजेंद्र शाह से नोकझोंक भी हुई। कर्मचारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री उनकी बात सुनने के बजाए यह कहकर चले गए कि इससे ज्यादा कुछ नहीं कर सकता। कर्मचारियों ने मंगलवार को सचिवालय घेराव करने का निर्णय लिया है।

हो रहा कर्मचारियों का शोषण

शनिवार को सीएम हरीश रावत महानगर कांग्रेस कमेटी की बैठक में शामिल होने कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे थे। जिसकी जानकारी उपनल कर्मियों को भी मिल गई। इसके बाद भारी संख्या में कर्मचारी भी वहां पहुंच गए। उपनल महासंघ के प्रदेश महासचिव महेश भट्ट ने कहा कि सरकार ने जो शासनादेश जारी किए हैं, उनसे कर्मचारियों का कुछ भी फायदा नहीं होगा। दो दिन पहले मुख्यमंत्री से वार्ता हुई थी। मांग की गई थी कि उपनल कर्मी जिन पदों पर कार्यरत हैं, उन पर अधीनस्थ चयन सेवा आयोग के माध्यम से भर्ती न कराई जाए। सीएम ने इस पर सहमति भी जता दी थी, लेकिन शासनादेश में लिखा है कि अगर भर्ती कराने की जरूरत हुई तो मुख्य सचिव से अनुमति ली जाएगी। कर्मचारियों की बहाली संबंधित शासनादेश में लिखा है कि अगर पद उपलब्ध होंगे और कर्मचारी अन्य अर्हताओं को पूरा कर रहे हैं तो ही बहाली होगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति शासन के दौरान हरीश रावत कर्मचारियों का हितैषी होने का दिखावा कर रहे थे। लेकिन, सत्ता मिलते ही कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है। अगर मुख्यमंत्री का यही रवैया रहा तो आगामी विधानसभा चुनाव में इसका करारा जवाब दिया जाएगा। वहीं, कर्मचारियों का क्रमिक अनशन जारी है। प्रदर्शनकारियों में कुशाग्र जोशी, दीपक चौहान, विद्यासागर धस्माना, पंकज पालीवाल, विजय राम खंकरियाल, सर्वेश कुमार, नीलम शर्मा आदि शामिल रहे।