देहरादून (ब्यूरो) परेड ग्राउंड पूरे शहर का केंद्र बिंदु था। यहां बड़े से बड़ा कार्यक्रम संपन्न हो जाता था। यह दून का सबसे बड़ा और एक मात्र ऐसा ग्राउंड है, जहां चुनावी रैली से लकर बड़े से बड़े कार्यक्रम आसानी से संपन्न हो जाते थे, लेकिन स्मार्ट सिटी के द्वारा डेवलप किए जाने के बाद यह ग्राउंड काफी महंगा हो गया है। यहां आम गतिविधियां दूर की कौड़ी हो गई है।

पवेलियन ग्राउंड के फ्रंट की दीवार टूटेगी
डीएम सोनिका ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि वास्तव में मिट सिटी में इतना बड़ा ग्राउंड नहीं है, लेकिन समस्या के समाधान की कोशिश की जा रही है। परेड ग्राउंड से पास पवेलियन और रेंजर्स ग्राउंड को सार्वजनिक गतिविधियों के लिए तैयार किया जाएगा। पवेलियन ग्राउंड गुफा जैसे लगता है। इसके रोड साइड के हिस्से की दीवार को तोड़कर छोटा किया जाएगा, ताकि ग्राउंड के अंदर लोग आसानी से देख सके। इसके साथ ही रेंजर्स ग्राउंड को भी व्यवस्थित किया जाएगा।

नुकसान की भरपाई करेंगे आयोजक
परेड ग्राउंड को किराए पर लेने के नियम अब बदल गए हैं। स्मार्ट सिटी ने यहां करोड़ों रुपए खर्च किए हैं। अब ग्राउंड को किराए पर लेने के दौरान शर्त जोड़ी जा रही है जो भी नुकसान और टूट-फूट होगी उसकी भरपाई आयोजकों को करना पड़ेगा। यहां लगने वाले व्यावसायिक मेले, चुनावी रैलियां कराने वाली पार्टियां तो क्षतिपूर्ति दे सकती है, लेकिन सर्कस, विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों और दशहरा पर्व जैसे कार्यक्रमों के आयोजक इतनी बड़ी रकम कहां से खर्च करेंगे। इसको लेकर हर तरफ से आवाज उठाई जा रही है।

परेड ग्राउंड पर करोड़ों खर्च
ऐतिहासिक विरासतों को संजोए परेड ग्राउंड को स्मार्ट सिटी की ओर से करोड़ों रुपए से डेवलप कर हरा-भरा किया गया है। स्मार्ट सिटी परेड ग्राउंड को किसी भी सूरत में इस ग्राउंड को बदसूरत करने की स्थिति में नहीं है। विशेष परिस्थितियों में परेड ग्राउंड को इस शर्त के साथ दिया जा रहा कि यदि इसमें कोई क्षति होती है, तो इसकी भरपाई आयोजक करेंगे, पब्लिक प्रशासन से इसका जवाब मांग रही है।

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