DEHRADUN: ऋषिकुल परिसर उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में आगामी शैक्षणिक सत्र में परास्नातक की फ्फ् सीटें और बढ़ जाएंगी। भारतीय केंद्रीय चिकित्सा परिषद के निरीक्षण कार्यक्रम के तहत इसकी अनुमति कभी भी मिल सकती है। आयुर्वेद के जिन सात विषयों में पीजी की सीटें बढ़ने जा रही हैं, उनमें अब तक स्नातक स्तर की कक्षाएं ही चल रही थीं। ऋषिकुल परिसर उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में अभी तक शल्य, शालाक्य, काय चिकित्सा, पंचकर्म, रस शास्त्र, प्रसूति व स्त्री रोग तथा द्रव्य गुण में ही परास्नातक की कक्षाएं संचालित हो रही थीं, जिसमें केवल फ्फ् छात्रों को ही प्रवेश की सुविधा मिल पा रही थी। इससे अलग विषय में स्नातक के बाद चिकित्सकों को अन्य मेडिकल कॉलेजों का रुख करना पड़ता था। इसे देखते हुए पिछले साल से ही शेष विषयों में भी परास्नातक की कक्षाओं के संचालन की कवायद शुरू की गई थी। परास्नातक कक्षाओं के लिए मानकों को पूरा करने में विश्वविद्यालय प्रशासन इन दिनों शिद्दत से जुटा हुआ है।