नई बसों के तकनीकी पेच फंसे बेचारे पैसेंजर्स

-6 माह में 100 बसों की खरीद में जुटा है निगम, अब तक नहीं हो पाई बसों की खरीद
-बसों की कमी से कई रूट्स पर आम लोग परेशान, कई बसें लगाई गई हैं यात्रा पर

देहरादून, 1 जून (ब्यूरो)। उत्तराखंड रोडवेज के बेड़े में आजकल करीब 1600 बसें तमाम रूट्स पर संचालित हो रही हैं। चारधाम यात्रा में बसों की मारामारी को देखते हुए रोडवेज मैनेजमेंट ने दावा किया था कि यात्रा शुरू होने से पहले ही करीब 100 नई बसें बेड़े में शामिल कर लेगा। बताया जा रहा है कि जिसके लिए केंद्र से 16 करोड़ भी रोजडवेज को मिल चुके हैं। लेकिन, रोडवेज ने जिन नई बसों को खरीदने की तैयारी के लिए टेंडर आमंत्रित किए। उनमें केवल एक कंपनी ही मानकों पर खरी उतर पाई।
बदल दिए मानक
नई बसों की खरीद के लिए रोडवेज ने 166 इंच व्हील बेस वाली बसों को अपने मानकों में शामिल किया है। विभागीय सूत्र बताते हैं कि इस मानक पर अशोक लेलेंड कंपनी की ही बसें फिट पाई। जबकि, इस टेंडर में टाटा कंपनी भी शामिल होना चाहती थी। लेकिन, टाटा ने 166 इंच व्हील बेस बसों का निर्माण बंद कर दिया है। ऐसे में नई बसों की खरीद की रेस में टाटा कंपनी उत्तराखंड रोडवेज के हिसाब से बाहर बताई जा रही है। नियमानुसार टेंडर में एक से अधिक कंपनियों का शामिल होना जरूरी है। इस वजह से पिछले छह महीने से नई बसों की खरीद ही नहीं हो पा रही है। इसका असर सीधे रोडवेज की बसों पर विश्वास करने वाले आम लोगों व यात्रियों पर पड़ रहा है। हाल ये है कि दून से लेकर गढ़वाल व कुमाऊं रूट्स पर चलने वाली रोडवेज की बसों का टोटा बना हुआ है। इसकी दूसरी वजह ये भी है कि रोडवेज की जो बसें सामान्य तौर पर जिन रूट्स पर चला करती थी, अब वे यात्रा सीजन पर हैं।

रोडवेज की बसों पर एक नजर
-कुल बसों को कुनबा 1600
-इनमें 500 अनुबंधित बसें
-अनुबंधित बसों में वॉल्वो, एसी व सीएनजी शामिल

खरीदी जाने वाली बसों पर नजर
-कुल खरीदे जाने वाली बसों की संख्या 100
-सभी बसों हिल रूट्स पर होनी हैं संचालित
-एक बस की कीमत करीब 25 लाख
-केंद्र से बसों की खरीद के लिए 16 करोड़ मिले

हिल डिपो की बसों का संचालन बाधित
दून- नई टिहरी
दून- लैंसडाउन
दून- देवलकोट
दून- बाणधार
दून- पौड़ी
दून- हापला
दून- देवाल

रोडवेज के सामने ये टेक्नीकल पेंच
पहाड़ी क्षेत्रों में वर्तमान में रोडवेज की 166 इंच व्हील बेस वाली बसों का संचालन हो रहा है। जबकि, हिमाचल प्रदेश व जेएंडके के साथ पूर्वोत्तर राज्यों के परिवहन विभाग ने व्हील बेस बढ़ाकर 172 इंच कर दिया हैं। इसकी बड़ी वजह सड़़कों का चौड़ा होना बताया गया है। यही कारण है कि कुछ कंपनियों ने 166 इंच के व्हील बेस बसें को बनाना बंद कर दिया है। हालांकि, उत्तराखंड परिवहन विभाग की ओर से 166 इंच व्हील बेस को बढ़ाकर पर्वतीय मार्गों के लिए 169.5 इंच कर दिया। लेकिन, उत्तराखंड रोडवेज अभी भी 166 इंच पर अटका हुआ है। यही कारण है कि नई बसों की बात आगे नहीं बढ़ पा रही है।

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सर्वे तय करेगा नई बसों की खरीद
विभागीय अधिकारियों के अनुसार 172 इंच व्हील बेस वाली बसों के संचालन के लिए सर्वे टीम गठित की गई। कमेटी को 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट देनी है। बताया गया है कि इस सर्वे टीम आरटीओ, पीडब्ल्यूडी और आईआईटी रुड़की के साइंटिस्ट व अधिकारी शामिल हैं। जिसके बाद तय हो जाएगा कि 172 इंच व्हील बेस वाली बसें संचालित हो पाएंगी या नहीं। अब दावा किया जा रहा है कि अगले सैटरडे तक रिपोर्ट आ जाएगी।

इन रूट्स पर हो रहा सर्वे
-गढ़वाल में कोटद्वार से श्रीनगर तक
-ऋषिकेश से कीर्तिनगर तक
-श्रीनगर से रुद्रप्रयाग व जोशीमठ तक
-ऋषिकेश से टिहरी, चिल्याणीसौड़ व उत्तरकाशी तक।
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परिवहन निगम को बार-बार एक ही टेंडर मिलने के कारण टेक्नीकल प्रॉब्लम आ रही थी। जिसको देखते हुए व्हील बेस के साइज बढ़ाने को लेकर कमेटी जांच कर रही है। कमेटी के रिपोर्ट का इंतजार है। लेकिन, फिलहाल यात्रा रूट्स पर यात्रियों को बसों की कोई दिक्कत नहीं हो रही है।
अरविंद सिंह ह्यांकी, सचिव, परिवहन
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