देहरादून (ब्यूरो) डॉक्टर्स के अनुसार गर्मी में हीटस्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है, जो कि जानलेवा हो सकता है। गर्म हवा और बढ़ते हुए तापमान के कारण, शरीर का तापमान बढ़ जाता है और ऐसे में हीटस्ट्रोक का खतरा अधिक होता है। एक्सपट्र्स के अनुसार यदि बॉडी टेम्प्रेचर 104 डिग्री से अधिक हो जाए या सिर में तेज दर्द हो, तो सावधानी बरतनी चाहिए। अक्सर डिहाइड्रेशन को ही हीटस्ट्रोक समझ लेते हैं। लेकिन, ये एक अलग समस्या है जो कि ज्यादा गंभीर और खतरनाक हो सकती है। हीटस्ट्रोक में किडनी, दिमाग और दिल पर बुरा प्रभाव पड़ता है और इससे व्यक्ति बेहोश हो सकता है और कोमा में भी जा सकता है। इससे बचने के लिए हमें अधिक पानी पीना चाहिए , ठंडी चीजों का सेवन करना और अधिक हाइड्रेटेड रहना चाहिए।

हीटस्ट्रोक के लक्षण
- ड्राई स्किन
- वॉमिटिंग
- हार्ट रेट बढऩा
- सिरदर्द
- मांसपेशियों में ऐंठन
- बेहोशी
- थकावट

हीटस्ट्रोक से ऐसे बचें
-ढीले-ढाले, हल्के कपड़े पहनें
-ज्यादा से ज्यादा ठंडा पेय पियें
-बॉडी टेंपरेचर बढऩे पर आइस पैक यूज करें
-रोजाना 8 से 10 गिलास पानी जरूर पिएं
-देर तक घर से बाहर रहने से बचें
-अपनी डाइट में तरबूज, नारियल, खीरा, जैसी चीजों को शामिल करें
-एल्कोहल के सेवन से बचें

ये करें
- घर से बाहर निकलने से बचें।
- हमेशा पानी की बोतल साथ रखें और खुद को हाइड्रेटेड रखें।
- गर्म मौसम के दौरान ढीले-ढाले, हल्के कपड़े पहनें।
- सनबर्न से बचने लिए टोपी और सनस्क्रीन यूज करें।

बच्चों का ऐसे रखें ध्यान
गर्मी बढ़ते ही धूप और गर्मी का असर बच्चों में दिखता है। इसलिए उनकी खास देखभाल बहुत महत्वपूर्ण है। डॉक्टर्स के अनुसार बच्चों को हमेशा पानी पीने की आदत डालनी चाहिए। ताकि, वे हमेशा हाइड्रेटेड रहें। साथ ही, उनके डाइट में फल, सब्जियां और ताजे रसीले जूस को शामिल करना चाहिए। उन्हें बाहर जाने से पहले अच्छे से खाना खिलाना चाहिए। सही से खाना न खाने पर उनकी तबियत बिगड़ सकती है और लू लगने का खतरा भी बढ़ जाता है।

ओपीडी ओर इमरजेंसी में पेशेंट की संख्या बढ़ी
दून हॉस्पिटल की ओपीडी हो या फिर इमरजेंसी इन दिनों दोनों ही जगह पेशेंट बढ़ गए हैं। इनमें डायरिया और बुखार जैसी शिकायत को लेकर सबसे ज्यादा पेशेंट पहुंच रहे हैं। इसके साथ ही कोरोनेशन हॉस्पिटल में मेडिसिन ओपीडी में पेशेंट की संख्या में 40 परसेंट का इजाफा हो गया है। इन दिनों मेडिसिन ओपीडी में 350 पेशेंट तक पहुंच रहे हैं। जबकि, दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में 510 पेशेंट तक पहुंच रहे हैं। जो सामान्य दिनों की अपेक्षा 50 परसेंट ज्यादा है।

हीटस्ट्रोक गंभीर स्थिति है। इन दिनों हॉस्पिटल में पेशेंट की संख्या बढ़ती जा रही है। ऐसे में सावधानी बरतें, ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं। बाहर का खाना खाने से बचें। साथ ही बुखार व अन्य समस्या होने पर डॉक्टर से अवश्य संपर्क करे।
डॉ कुमार जी कौल, फिजिशियन, दून हॉस्पिटल

बच्चे खेलते समय धूप छाव कुछ नहीं देखते, ऐसे में धूप में खेलना उनके लिए खतरनाक हो सकता है। धूप में हीटस्ट्रोक की समस्या हो सकती है। ऐसे में इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए की वे धूप में बाहर न निकलें और खेलने के बाद सही से आराम करें। बच्चों को हाइड्रेटेड रखने के लिए जूस और ठंडी चीजेें दें।
डॉ विशाल, पीडियाट्रिक, एसएमआई हॉस्पिटल

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