- आरटीई में एडमिशन के लिए कम दिख रही दिलचस्पी, 34230 सीटों के लिए केवल 25313 आवेदन
- पहाड़ी जिलों में स्कूलों का दूर होना व पलायन के कारण सबसे कम आ रहे आवेदन

देहरादून, 26 मई (ब्यूरो)।
दून समेत पूरे राज्य में राइट टू एजुकेशन (आरटीई) के तहत एडमिशन के लिए आवेदन करने की तिथि खत्म हो चुकी है। लेकिन, अबकी बार शिक्षा विभाग को 34230 सीटों के एवज में केवल 25313 आवेदन मिल पाए हैं। इसमें भी 1867 ऐसे आवेदन हैं, जिनके डॉक्यूमेंट्स पूरे नहीं हो पाए हैं। इसको लेकर भी सस्पेंस बना हुआ है। लेकिन, आरटीई के तहत मिले आवेदनों में पहाड़ के जिले काफी पीछे हैं। जहां, पैरेंट्स ने अपने बच्चों के लिए आरटीई के तहत आवेदन ही जमा नहीं किए। इसके पीछे माना जा रहा है कि एक तो पहाड़ों से मैदानी इलाकों में पलायन हो चुका है। जबकि, हिल एरियाज में स्कूल दूर होना भी दूसरी वजह बताई जा रही है।

::आरटीई पर एक नजर::
-30 अप्रैल से 23 मई तक आरटीई के तहत करना था आवेदन।
-25 मई तक उप शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में जमा करना था आवेदन।
-1 जून को विभाग की ओर से प्रवेश के लिए निकाली जाएगी लॉटरी
-5 से 15 जून तक निजी स्कूलों में आरटीई के तहत होगा प्रवेश।
-16 से 20 जून तक स्कूलों को देनी होगी बच्चों की लिस्ट।
-3965 स्कूल हैं प्रदेश में आरटीई के दायरे में।

पर्वतीय जिलों में नो इंट्रेस्ट
आरटीई में रजिस्ट्रेशन में पर्वतीय जिलों का इंट्रेस्ट कम दिखा। जिनमें रुद्रप्रयाग के बच्चों सबसे पहली लिस्ट में शामिल है। यहां 624 अवेलेबल सीट्स के सापेक्ष केवल 76 एप्लीकेशन ही मिली। यहीं हाल अन्य जिलों का भी रहा बागेश्वर में अवेलेबल सीट्स के सापेक्ष 194 एप्लीकेशन ही प्राप्त हुई। चमोली में 484 के सापेक्ष 125 एप्लीकेशन मिले। पौड़ी में 1406 सीट्स के सापेक्ष 804, पिथौरागढ़ में 1492 पर 777 एप्लीकेशन ही मिली। यहीं नहीं हरिद्वार में 8124 सीट पर 3270 एप्लीकेशन ही मिली। जो सरकार के आरटीई के तहत एडमिशन के प्लान में यहां लोगों का इंट्रेस्ट होता कम दिख रहा हैं।

आईटीई के तहत रजिस्टर्ड स्कूल
जिला - स्कूल
दून - 686
अल्मोड़ा - 221
बागेश्वर - 106
चमोली - 119
चंपावत - 92
हरिद्वार - 749
नैनीताल - 416
पौड़ी गढ़वाल - 208
पिथौरागढ़- 194
रुद्रप्रयाग - 110
टिहरी - 222
यूएसनगर - 696
उत्तरकाशी - 146
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कुल - 3965
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34230 सीटों के सापेक्ष महज 25313 एंट्रीज
जिला --- उपलब्ध सीटें---आए आवेदन
दून --- 6165 --- 7815
अल्मोड़ा ---1581 ---736
बागेश्वर--- 667 --- 194
चमोली --- 484 ---125
चंपावत -- 564 --- 506
हरिद्वार - -- 8124 --- 3270
नैनीताल ---3050 --- 2383
पौड़ी गढ़वाल ---1406 ---804
पिथौरागढ़--- 1492 --- 777
रुद्रप्रयाग --- 624 --- 76
टिहरी गढ़वाल --- 1422 --- 326
उधमसिंंहनगर ---7546--- 7747
उत्तरकाशी --- 973 --- 554
कुल - 34230 - 25313


वर्षवार आरटीई पर एक नजर
::वर्ष 2022::
-वर्ष 2022 में प्रदेश में आरटीई के तहत सीटों की संख्या--33672, एडमिशन हुए 21, 922
-दून जिले में वर्ष 2022 में आरटीई के तहत सीटों की संख्या---5578, एडमिशन हुए 4346
-नियमानुसार 31 मार्च 2023 तक बच्चे की न्यूनतम आयु नर्सरी के लिए तीन वर्ष होनी जरूरी।
-नियमानुसार 31 मार्च 2023 तक बच्चे की न्यूनतम आयु क्लास के लिए पांच वर्ष होनी जरूरी।

::कम आवेदन आने की वजह::
-घर से स्कूलों का दूर होना।
-स्कूल दूर होने से सेफ्टी की कमी।
-क्वालिटीयुक्त निजी स्कूलों का अभाव।
-बेहतर स्कूलिंग की कमी।
-रोजगार की कमी से पैरेंट्स का पलायन।


पहाड़ों में आवेदन कम आने के पीछे अवेयरनेस का अभाव ज्यादा है। इसके अलावा पहाड़ों से बेहतर स्कूलिंग के चक्कर में मैदानी इलाकों में तरफ भी पैरेंट्स का माइग्रेशन दूसरी वजह है। इस पर सरकार को गहराई से मंथन करने की जरूरत है।
-डा। दिनेश बत्र्वाल, प्रिंसिपल, दून इंटरनेशनल स्कूल।

हिल एरियाज में निजी स्कूल्स भी काफी दूर रहते हैं। जिस कारण छोटे बच्चे इन स्कूलों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। वहीं, रोजगार की तलाश में मैदानी इलाकों की ओर पैरेंट्स का पलायन होना भी बड़ा कारण है। इसीलिए आवेदनों की संख्या में कमी दिख रही है।
-रमेश काला, प्रिंसिपल, विल फील्ड।

हां, उम्मीद के मुताबिक कम आवेदन मिले हैं। लेकिन, आरटीई के तहत जहां उपलब्ध सीटों से ज्यादा आवेदन मिले हैं, वहां, लॉट्री के जरिए बच्चों को एडमिशन का मौका दिया जाएगा। जहां सीट ज्यादा और एप्लीकेशन कम हंै, वहां बच्चों को प्रवेश देने में आसानी रहेगी।
डॉ। मुकुल कुमार सती, अपर राज्य परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा।