देहरादून (ब्यूरो) 2019 के बाद शुक्रवार को रेलवे स्टेशन पर आईबी, जीआरपी, आरपीएफ, रेलवे, पुलिस अधिकारियों की टीमों ने सुरक्षा ऑडिट किया। इस दौरान उन्होंने टिकट काउंटर हाल, बाहर की दीवारों, प्रवेश द्वार, पार्सल आफिस, क्लॉक रूम, प्लेटफॉर्म आदि का निरीक्षण किया। इस दौरान सुरक्षा में कई तरह की खामियां पाई गई हैं। सबसे बड़ी खामी स्टेशन में लगे कैमरे हैं। इसके बाद चार तरफ की दीवारें टूटी हुई हैं, जहां से स्थानीय और रेलवे कर्मचारी अपने वाहनों को प्लेटफार्म पर लेकर आ जाते हैं, जोकि नियमों के विपरीत पाया गया है। अधिकारियों ने सभी खामियों को सुरक्षा में खतरा बताते हुए रिपोर्ट में तैयार की है, जोकि रेलवे मंत्रालय को सौंपी जाएगी।

पैसेंजर्स भुगतते हैं खामियाजा
जीआरपी के अधिकारियों ने बताया कि स्टेशन की पूर्वी और पश्चिमी दिशा की दीवारें टूटी हुई हैं। इसकी वजह से अधिकतर असामाजिक तत्व स्टेशन परिसर में घुस आते हैं। इसकी वजह से यहां चोरी, लूट जैसी घटनाएं होती है। जिसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ता है। इस मौके पर जीआरपी के सीओ स्वपनिल मुयाल, जीआरपी निरीक्षक टीएस राणा, स्टेशन अधीक्षक रङ्क्षवदर कुमार, सीएमआई एसके अग्रवाल, रेलवे सुरक्षा बल के सीओ वीके मिश्रा, एसएलओ स्मिता परमार, सीओ सिटी नीरज सेमवाल सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

होम सिग्नल तक दीवार बनाने का सुझाव
सुरक्षा एजेंसियों की टीमों ने रेलवे बोर्ड को पूर्वी दिशा में होम सिग्नल तक 400 मीटर लंबी और आठ से 10 फीट ऊंची दीवार बनाने का सुझाव दिया है। इसके साथ ही दीवारों पर फेंङ्क्षसग तीन फीट ऊंची करने के लिए सुझाव दिया है। इसके अलावा सुरक्षा आडिट कमेटी की टीम ने मसूरी बस स्टैंड के पास पार्किंग की क्षतिग्रस्त दीवारों को भी ऊंचा कराने और दीवार को आठ फीट ऊंची करने के साथ ही तीन फीट की फेंङ्क्षसग करने का सुझाव दिया है।

कैमरों में नजर नहीं आते चेहरे
सुरक्षा के लिहाज से रेलवे स्टेशन पर आईटीजेड कैमरे लगाए जाने थे जबकि इनकी जगह बुलेट कैमरे लगा दिए गए। यह कैमरे सिर्फ दो मेगा पिक्सल के कैमरे हैं, जिससे प्लेटफॉर्म पर घूमने वाले लोगों के चेहरे तक साफ नजर नहीं आ रहे हैं। इसके साथ ही कैमरे गलत दिशा में लगाए गए हैं, जिसके लिए कमेटी ने दिशा बदलने को कहा है।

टिकट काउंटर पर रात को पुलिस भी नहीं
टिकट हॉल में दिन हो या रात कोई भी सुरक्षाकर्मी नहीं तैनात रहता है। शाम के समय असामाजिक तत्व हाल के आसपास बैठे रहते हैं। यह शिकायत रेलवे की महिला कर्मचारियों की ओर से की गई है। उन्होंने कहा कि कैश अगले दिन जाता है। रात्रि के समय यहां पर असामाजिक तत्व भटकते रहते हैं। इसकी शिकायत जीआरपी और आरपीएफ से कई बार की गई। लेकिन बावजूद इसके अब तक कोई सुरक्षाकर्मी नहीं तैनात किया गया है।

एंट्री गेट और पार्सल ऑफिस में स्कैनर भी नहीं
इतने बड़े स्टेशन के प्रवेश द्वार पर सामान की जांच के लिए स्कैनर मशीन नहीं है। एक मेटल डिटेक्टर लगा है। इसको जब आईबी के अधिकारी ने चलाने को कहा तो मौके पर चला ही नहीं। रेलवे के कर्मचारियों ने बताया कि यह अभी कुछ दिनों से खराब है। वहीं पार्सल ऑफिस, क्लॉक रूम में भी सामान आता रहता है। लेकिन उसकी जांच के लिए भी कोई स्कैनर नहीं हे। सुरक्षा के मानकों को पूरा करने के लिए सिर्फ आधार नंबर यात्रियों से लिया जाता है।

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