देहरादून ब्यूरो। भूमा निकेतन आश्रम हरिद्वार के मैनेजर राजेंद्र शर्मा की ओर से थाना ज्वालापुर में वेदानन्द सरस्वती के खिलाफ जमीन की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था। शिकायत में कहा गया था कि भूमा निकेतन आश्रम के पीछे करीब 9120 वर्ग मीटर जमीन को कई वर्ष पूर्व आश्रम द्वारा खरीद लिया गया था। वेदानन्द सरस्वती आदि ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर जमीन किसी और को बेच दी। जमीन की कीमत करोड़ों में बताई गई थी। एसटीएफ लगातार वेदानंद की गिरफ्तारी का प्रयास कर रही थी।

307 में सजायाफ्ता
वेदानंद सरस्वती खुद को शारदा आश्रम का ट्रस्टी बताता है और जमीन की धोखाधड़ी को लेकर पहले भी दो बार जेल जा चुका है। वर्ष 1998 थाना ज्वालापुर में दर्ज एक मुकदमें के अनुसार जमीन के विवाद में वेदानन्द ने दूसरी पार्टी पर फायर झोंक दिया था। इस मामले में लोवर कोर्ट हरिद्वार ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी और वह हाईकोर्ट के आदेश पर बेल पर था।

दून में भी केस दर्ज
वर्ष 2009 थाना क्लेमेंटटाउन निवासी देवेंद्र मित्तल से 8.30 बीघा जमीन की खरीदारी में लाखों रुपए का फर्जी ड्राफ्ट देन के मामले में थाना क्लेमेंटटाउन केस दर्ज करवाया था। इस मामले में वेदानंद अपने भाई मुकेश गौड़ और बेटे सचिन के साथ करीब 6 महीने सिद्दोवाला जेल में रहा था।