-4 साल पहले बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था कीर्ति का राइट पैर
-पैर के निचले हिस्से की हड्डी, नश और स्कीन पूरी तरह से खराब हो गई थी
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DEHRADUN : लखनऊ की एक विकलांग बच्ची (कीर्ति) को दून में सहारा मिला है। ब् साल पहले पोल गिरने से कीर्ति का दांया पैर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। पैर के निचले हिस्से की हड्डी, नश और स्कीन पूरी तरह से खराब हो गई थी।
आ गई थी पैर काटने की नौबत
इस बीच कई प्राइवेट और सरकारी हॉस्पिटल्स में कीर्ति को ट्रीटमेंट के लिए दिखाया गया, लेकिन सभी जगह डॉक्टर्स ने पैर काटने की नसीहत दी। 9 साल की इस बच्ची के माता-पिता का देहांत काफी पहले हो गया था। इसके बाद लालन-पालन की जिम्मेदारी उसके नाना आनंद स्वरूप गौड़ ने उठाई। आनंद स्वरूप के अनुसार वह लखनऊ में एक मंदिर में पुजारी हैं।
आर्थिक स्थिति थी कमजोर
आनंद स्वरूप की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर है। इस बीच दून स्थित सिनर्जी हॉस्पिटल के बारे में किसी ने बताया तो वह दून पहुंचे, जहां डेढ़ साल तक बच्ची का नि:शुल्क इलाज चला। हॉस्पिटल में वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ डा। प्रवीण मित्तल ने बच्ची का ऑपरेशन किया। वहीं हॉस्पिटल में डा। प्रवीण मित्तल ने बताया कि यह काफी चुनौती भरा काम था, जिसमें पैर में चोट लगने के कारण इक्वाइनो वेरेर डेफॉमिटी विदक कॉन्ट्रक्चर हो गया था, जिसके बाद दो ऑपरेशन करने पड़े।
अब चलने लगी है कीर्ति
पहले चल न पाने की मोहताज कीर्ति अब अपने पैरों पर चलने लगी है। फिलहाल कैलीपर लगाया गया है, लेकिन कुछ समय बाद जैसे-जैसे पैर में ताकत बढ़ेगी वह बिना किसी सहायता के चल पाएगी। इस मौके पर हॉस्पिटल के चेयरमैन डा। कृष्ण अवतार, डायरेक्टर डा। कमल गर्ग, डा। अजीत सिंह, दीपक कर्णवाल आदि मौजूद रहे।
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डॉक्टर्स को करनी पड़ी मशक्कत
-स्कीन कंडिशन, बोन्स आदि थी खराब।
-साथ ही ब्लड सर्कुलेशन भी था प्रभावित।
-क्भ् महीने तक चला इलाज।
-करेक्शन ऑफ ट्रोमैटिक इक्वाइनो वेरेर डेफॉमिटी का हुआ इलाज।
-इलाज के दौरान हुए दो ऑपरेशन।
-कई बार करनी पड़ी फिजियोथैरेपी।
-पैर में लगाया जैस फिक्सचर।