देहरादून (ब्यूरो)। दिल्ली में हुए हादसे के बाद दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने सैटरडे को शहर के कुछ मॉल और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का रियलिटी चेक किया। हालांकि बड़े मॉल्स में आग से सुरक्षा के इंतजाम पूरी तरह चाक-चौबंद नजर आए, लेकिन ज्यादातर छोटे-मझोले शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। कुछ शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में आग से सुरक्षा के उपकरण तो नजर आए, लेकिन वास्तव में वे केवल दिखाने के लिए ही हैं। यदि जरूरत पड़ी तो उन्हें इस्तेमाल करना संभव नहीं है।

राजपुर रोड पर सबसे ज्यादा कॉम्प्लेक्स
देहरादून में सबसे ज्यादा शॉपिंग कॉम्प्लेक्स राजपुर रोड पर हैं। इस रोड पर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स की चेन क्लॉक टावर से शुरू होकर जाखन तक पहुंचती है। रोड के दोनों तरफ सैकड़ों की संख्या में छोटे-बड़े शॉपिंग कॉम्प्लेक्स नजर आते हैं, जिनमें अधिकांश नामी-गिरामी कंपनियों के शोरूम से हैं। ज्यादातर कॉम्प्लेक्स में आग से बचने के इंतजाम तो दूर, पार्किंग तक की व्यवस्था नहीं है। ऐसे गिने-चुने ही शॉपिंग कॉम्प्लेक्स मिले जिनमें आग से बचने की पुख्ता व्यवस्था होने के साथ ही बेसमेंट में पार्किंग की भी व्यवस्था है।

गाड़ी पहुंचना भी असंभव
देहरादून में दर्जनों की संख्या में शॉपिंग कॉम्प्लेक्स ऐसी जगह पर हैं, जहां आग लगने की स्थिति में फायर ब्रिगेड का पहुंचना भी संभव नहीं है। ऐसा ही एक भीड़-भाड़ वाला बाजार घोसी गली है। बेहद संकरी घोसी गली में दोनों तरफ सैकड़ों की संख्या में छोटी-बड़ी दुकानें हैं। यदि आग जैसी कोई घटना होती है, तो फायर ब्रिगेड का इस गली तक पहुंचना किसी भी हालत में संभव नहीं। कुछ अन्य जगहों पर भी दून में ऐसी स्थिति देखी जा सकती है।

अस्पताल भी नहीं सुरक्षित
करीब 3 साल पहले देश में कुछ जगहों पर अस्पतालों में आग लगने से मरीजों की मौत हो जाने के बाद देहरादून में भी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में आग से सुरक्षा की व्यवस्थाएं दुरुस्त करने का काम शुरू किया गया था। स्टेट डिजास्टर मिटिगेशन एंड मैनेजमेंट सेंटर की तरफ से दून अस्पताल सहित कई अन्य अस्पतालों का निरीक्षण किया गया था। आग लगने की स्थिति में फायर ब्रिगेड के पहुंचने की सुविधा और बिल्डिंग्स में इलेक्ट्रिक वायरिंग की व्यवस्था तक का निरीक्षण किया गया था। कुछ मॉक ड्रिल भी किये गये थे, जिनके रिजल्ट ठीक नहीं आये थे। कुछ ही दिनों बाद सब कुछ बंद हो गया। हालात आज भी आमतौर पर पहले जैसे ही हैं।

सीएफओ का फोन किसी और के पास
देहरादून के शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में आग से बचाव संबंधी जानकारी लेने के लिए जब चीफ फायर ऑफिसर राजेंद्र खाती के सरकारी नंबर पर फोन किया गया तो फोन एक कर्मचारी ने उठाया। कर्मचारी का कहना था कि साहब अपना फोन उसे देकर कहीं बाहर गए हुए हैं। जब कर्मचारी से शॉपिंग कॉम्प्लेक्स की स्थिति के बारे में पूछा गया तो उसका कहना था कि उसे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। कर्मचारी से सीएफओ का नंबर देने को कहा गया तो उसने असमर्थता जताई।