- बोर्ड एग्जाम से कम परसेंटेज में जईई क्लियर

- लास्ट ईयर की कटऑफ लिस्ट का रखें ख्याल

DEHRADUN : अगर आप जेईई मेंस के लिए अप्लाई कर चुके हैं और अब तैयारियों में लगे हैं, तो यह खबर आपके लिए है। जेईई का एग्जाम आपके बोर्ड एग्जाम से भी आसान होने वाला है। जी हां, आपने सही सुना। लास्ट ईयर के कटऑफ पर गौर करें तो जितने नंबरों पर आप बोर्ड एग्जाम में सिर्फ क्लियर होते हैं उनसे भी कम नंबर पर जेईई मेंस एग्जाम क्रैक कर सकते हैं।

पेपर पेन मोड में एग्जाम

सीबीएसई द्वारा इंजीनियरिंग की सीट्स पर एडमिशन के लिए ऑर्गनाइज होने वाले ज्वॉइंट एंट्रेंस एग्जाम (जेईई 2015) का काउंटडाउन स्टार्ट हो चुका है। बारह दिनों बाद 4 अप्रैल को पेपर पेन मोड में एग्जाम कंडक्ट होगा, जिसके बाद 10 व 11 को ऑनलाइन मोड में एग्जाम कंडक्ट कराया जाएगा। एग्जाम का टेंशन लगातार बढ़ रहा है, ऐसे में कुछ भी समझ न आना भी स्वाभाविक है, लेकिन अगर, लास्ट ईयर के कटऑफ पर गौर करें तो आप समझेंगे कि एग्जाम इतना भी मुश्किल नहीं जितना आप समझे बैठे हैं।

तीनों सब्जेक्ट की कंबाइंड मेरिट लिस्ट

इंटरमीडिएट में एग्जाम को क्वॉलिफाई करने में मिनिमम 33 परसेंट की जरूरत पड़ती है, लेकिन अगर जेईई के पिछले दो सालों के कटऑफ को देखा जाए तो यह इससे भी कम रही है। दरअसल, एग्जाम में फिजिक्स, कैमिस्ट्री और मैथेमैटिक्स तीनों सब्जेक्ट्स की कंबाइंड मेरिट लिस्ट बनती है। ऐसे में किसी एक में कम नंबर भी आने से कोई प्रॉब्लम नहीं होती। कॉमन मेरिट लिस्ट के मा‌र्क्स सबसे ज्यादा मायने रखते हैं। इसी सीएमएल के आधार पर एडवांस का टिकट प्राप्त होता है।

कटऑफ कर रखें ख्याल

एग्जाम की तैयारी करने के साथ ही जेईई मेंस के लास्ट ईयर की कटऑफ पर भी एक नजर डाल लें, ताकि एग्जाम के वक्त और एग्जाम के बाद आपके द्वारा किए गए क्वेश्चंस और आने वाले रिजल्ट को लेकर सेल्फ एनालिसिस संभव हो सके। दरअसल, जेईई मेंस की कटऑफ ही जेईई एडवांस का गेटपास है। कटऑफ में जगह बनाने वाले टॉप डेढ़ लाख कैंडिडेट्स को ही आईआईटी में एडमिशन के लिए होने वाले एग्जाम जेईई एडवांस में बैठने का मौका मिलेगा।

साल 2014 का कटऑफ

कैटेगरी कटऑफ स्कोर

कॉमन मेरिट लिस्ट (CML) 115

ओबीसी- एनसीएल 74

एससी 53

एसटी 47

साल 2013 का कटऑफ

कैटेगरी कटऑफ स्कोर

कॉमन मेरिट लिस्ट (CML) क्क्फ्

ओबीसी- एनसीएल 70

एससी भ्0

एसटी ब्भ्

-----

तनाव करता है डिस्टर्ब

साइकोलॉजिस्ट्स भी मानते हैं कि किसी चीज को पहले से मुश्किल मान लेने से वह काम और कठिन हो जाता है। ऐसे में एग्जाम को लाइटली लेते हुए सब्जेक्ट्स के बारे में गंभीर हों ताकि टाइम मैनेजमेंट के साथ एग्जाम क्वॉलिफाई करने का लक्ष्य निर्धारित हो सके।

--------

जेईई की कटऑफ पर गौर करें तो काफी कम रही है। इस बार भी इसी के आसपास रहने की संभावना है। ऐसे में जेईई के लिए स्टूडेंट्स को ट्वेल्थ मिनिमम पासिंग मा‌र्क्स से कम मा‌र्क्स पर भी मेंस क्वॉलिफाई हो पाएगा।

-वैभव राय, एमडी, वीआर क्लासेज।