- बारिश कम होने से गर्मी में हो सकती है पानी की बड़ी समस्या
- वैकल्पिक व्यवस्था में जुटा जल संस्थान, एक दूसरे से जोड़े जा रहे ट््यूबवेल

देहरादून (ब्यूरो): 1800 लीटर प्रति मिनट (एलपीएम) क्षमता वाले इस ट््यूबवेल का डिस्चार्ज घटकर मात्र 300 रह गया है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस ट्यूबवेल से जुड़े पानी के कंज्यूमर्स को कितना पानी सप्लाई हो रहा होगा। इसी तरह राजेंद्रनगर के नाचघर स्थित 2200 एलपीएम वाले ट््यूबवेल का डिस्चार्ज भी घटकर 500 एलपीएम रह गया है। इस बार पिछले वर्षों के मुकाबले बहुत कम बारिश हुई है। ऐसे में गर्मी में राजेंद्रनगर क्षेत्र में पेयजल किल्लत बढ़ सकती है।

पिछले वर्ष से कम हुई बारिश
इस बार पिछले सालों के मुकाबले सर्दी में काफी कम बारिश हुई है। जिससे पेयजल स्रोत रिचार्ज नहीं हो पाए हैं। इसका सीधा असर भूजल स्तर पर पड़ा है। शहर में 90 परसेंट पानी भूमिगत जल से ही सप्लाई होता है। यहां स्रोतों से टेप कर कोई पाइप लाइन नहीं है। पूरा शहर ट्यूबवेलों के पानी से चल रहा है। ऐसे में ट्यूबवेलों का डिस्चार्ज कम होने से सीधे कंज्यूमर्स को फर्क पड़ेगा। ट्यूबवेलों द्वारा कम पानी सप्लाई होने से कई बार टंकिया पूरी नहीं भर पा रही हैं, जिसका सीधा असर आपूर्ति पर पड़ रहा है।

कई ट्यूबवेल 20 साल पुराने
जल संस्थान के कई ट्यूबवेल 20 साल पुराने हो गए हैं। 20 साल पहले वाटर लेवल अच्छा था, धीरे-धीरे भूजल का स्तर घटता जा रहा है। ट््यूबवेलों के डिस्चार्ज को लेकर जल संस्थान की ही रिपोर्ट का अध्ययन करें, तो पता चला कि कई ट््यूबवेलों का डिस्चार्ज पिछले 20 साल में 6 गुना घट गया है। 1800 से 2000 एलपीएम पानी देने वाले कई ट्यूबवेल 300-400 एलपीएम पानी दे पा रहे हैं।

इस तरह घटा ट्यूबवेल डिस्चार्ज
स्थान पहले अब
राजेंद्रनगर गली नंबर 8 1800 300
कौलागढ़ नंबर 2 चुंगी 1800 1000
नाचघर राजेंद्रनगर 2200 500
कौलागढ़ ओएचटी 1000 600
विजय पार्क-1 1400 700
वाणी विहार 2200 1500
टैगोल विला 2000 800
(डिस्चार्ज एलपीएम में)

कुछ नए ट्यूबवेल बोर
जल संस्थान नॉर्थ डिवीजन की जेई मोनिका बिष्ट ने बताया कि राजेंद्रनगर में स्थापित कुछ ट्यूबवेलों का डिस्चार्ज कम हुआ है। राजेंद्रनगर में गली नंबर 10 में नया ट्यूबवेल बनाया गया है, जिसे गली नंबर 8 में स्थापित पुराने ट्यूबवेल से भी कनेक्ट किया गया है। इसी तरह दूसरे जगहों पर डिस्चार्ज काफी कम होने वाले ट््यूबवेलों की जगह नए ट्यूबवेल बनाए जा रहे है, कुछ ट्यूबवेल प्रस्तावित हैं। जबकि पेयजल आपूर्ति को देखते हुए कुछ को दूसरे ट््यूबवेलों से जोड़ा जा रहा है। फिलहाल कहीं पर पानी की किल्लत नहीं है। जहां इसके बाद भी दिक्कत हो रही है वहां पर टैंकरों से पेयजल आपूर्ति की जा रही है।

राजेंद्रनगर क्षेत्र में कई ट्यूबवेलों का डिस्चार्ज पिछले कुछ सालों से घट रहा है। पेयजल डिमांड के हिसाब से कुछ जगहों पर नए ट्यूबवेल बनाए जा रहे हैं, जबकि कुछ को दूसरे ट्यूबवेलों से जोड़ा जा रहा है। अभी तक क्षेत्र में कहीं भी आपूर्ति प्रभावित नहीं है। बारिश न होने का असर अप्रैल मिड में पता चल पाएगा।
मोनिका वर्मा, ईई, जल संस्थान, नॉर्थ डिविजन
dehradun@inext.co.in