कहां गए कुख्यात

राजधानी के चर्चित सट्टेबाज अचानक कहीं गायब हो गए हैं या यूं कहें कि पुलिस उन पर अपनी नजरें इनायत नहीं कर रही। इसमें से कई तो ऐसे हैं, जिन्हें पहले न जाने कितनी बार अरेस्ट किया गया, वो भी बड़ी रकम के साथ। सिटी के प्रेमनगर, खुड़बुड़ा, मुस्लिम कॉलोनी, कांवली रोड, लक्ष्मण चौक, नेहरू कॉलोनी, मोथरोवाला और पटेल नगर में बुकीज अपना झंडा बुलंद किए हुए हैं। इतना ही नहीं राजधानी का सिटी कोतवाली एरिया पिछले एक दशक से सïट्टेबाजों की सक्रियता का केंद्र रहा है। रोशन, गुड्डु, विक्की, जायसवाल एंड कंपनी के कई चर्चित, हरिद्वारी और तोप्पा भी इसी एरिया से गिरफ्तार किए गए।

हर ball पर भाव ऊपर-नीचे

डायरेक्ट होने वाले इस प्रोसेस में केवल बड़े खिलाड़ी ही शामिल होते हैं जो एक चैनल के थ्रू बुकी तक पहुंचते हैं। उनके रुपए भी कई बार डूब चुके हैं। बुकी इस पूरे गेम का सबसे अहम प्वॉइंट माना जाता है। इंडियन प्रीमियर लीग में लगने वाले सट्टे का भाव हर ओवर की एक-एक बाल पर ऊपर-नीचे जाता है। एक पर दस के रेट में पुराने खिलाड़ी ही हिस्सा लेते हैं। सिटी का एरिया छोड़ दें तो धर्मनगरी ऋषिकेश और रायवाला की विकसित हो रही कॉलोनी के खाली मकान सट्टेबाजों के अड्डे हैं, जिसमें कौन रहता है ये पूछने वाला कोई नहीं।

क्यों नहीं लिया जा रहा action

ऑफ सीजन में कैपिटल पुलिस का नेटवर्क काफी तेजी के साथ काम करता है। आए दिन कोई न कोई सट्टेबाज पांच सौ हजार रुपए की खाईबाड़ी करते पकड़ा जाता था। अब अचानक इनकी धर-पकड़ थम सी गई है। वजह का पता तो पुलिस ही बेहतर जानती होगी, लेकिन इस बिग गेम के बिग प्लेयर तो हर बात में माहिर हैं। कब, किसे, कैसे मैनेज करना है इसका पता इन्हें खूब रहता है। यही वजह है कि अभी तक एक भी बुकी आईपीएल शुरू होने के बाद पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ सका। बड़े खिलाड़ी तो अपना दांव खेल ही रहे हैं। इनके साथ ही कई छोटे बुकी भी बहते पानी में जमकर हाथ धुल रहे हैं।

बनाई जा रही है team

सïट्टे के संगठित गैैंग और इससे जुड़े प्लेयर्स पर जब डीआईजी दून रेंज अमित सिन्हा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि पुलिस इस खेल पर रोक लगाने के लिए गंभीर है। पुलिस की एक स्पेशल टीम बनाई जा रही है, जिसका काम केवल बुकीज को पकडऩा होगा। पुराने चर्चित सïट्टेबाजों की लिस्ट फिर से रिवाइज करने का काम तेजी के साथ चल रहा है। धंधेबाज कोई भी हो और उसकी पहुंचे चाहे किसी भी स्तर की क्यों न हो उसे बख्शा नहीं जाएगा। नए लिए गए सिम का पूरा वैरिफिकेशन होगा। अगर फेक आईडी पर सिम ईशू किया गया तो ऐसा करने वाले दुकानदार को भी गिरफ्त में लिया जाएगा।

'पुलिस सïट्टेबाजी को रोकने के लिए गंभीर है। राजधानी दून के सभी सक्रिय व पुराने बुकीज की लिस्ट खंगाली जा रही है। जल्द ही पुलिस इस खेल को संचालित करने वालों को अपनी गिरफ्त में लेगी.'

-अमित सिन्हा, डीआईजी दून रेंज